निकहत जरीन और लवलीना बोरगोहेन
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भारतीय मुक्केबाज यहां एशियाई खेलों में पदक जीतने के साथ अगले साल होने वाले पेरिस ओलंपिक का कोटा हासिल करने के इरादे से रविवार को रिंग में उतरेंगे। पिछले 2018 एशियाई खेलों में भारत ने दो पदक जीते थे और वह इस संख्या को बढ़ाना चाहेंगे। भारतीय महिला मुक्केबाज दो बार की विश्व चैंपियन निकहत जरीन और ओलंपिक कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन स्वर्ण पदक और ओलंपिक कोटा हासिल करने की सबसे बड़ी दावेदार हैं।
वहीं, पुरुषों में विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेता मुक्केबाज शिव थापा, दीपक भोरिया और निशांत देव पदक के साथ देश को ओलंपिक कोटा दिलाने की कोशिश करेंगे। महाद्वीप से मुक्केबाजों के लिए एशियाई खेल ओलंपिक कोटा हासिल करने का पहला क्वालिफाइंग टूर्नामेंट है। 13 वजन भार वर्ग में कुल 34 कोटा दाव पर लगे होंगे। एशियाई खेलों में सात पुरुष औ छह महिला वजन वर्ग हैं।
कोटा का यह होगा प्रारूप
महिला वर्ग में 50 किग्रा, 54 किग्रा, 57 किग्रा और 60 किग्रा में सेमीफाइनलिस्ट जबकि 66 किग्रा और 75 किग्रा के फाइनलिस्ट पेरिस के लिए क्वालिफाई करेंगे। वहीं, पुरुष वर्ग के सभी वजन वर्गों में स्वर्ण और रजत पदक विजेताओं को कोटा मिलेगा। महिला वर्ग में पिछले चरण में महिला मुक्केबाज एक भी पदक नहीं जीत सकी थी, लेकिन अब 2018 की तुलना में वजन वर्ग दोगुने हो गए हैं।
जरीन को कठिन ड्रॉ
जरीन को कठिन ड्रॉ मिला है जिसमें वह अपने अभियान की शुरुआत दो बार की एशियाई चैंपियन एनगुयेन थि ताम के खिलाफ करेंगी जो विश्व चैंपियनशिप के फाइनल का दोहराव होगा। वह सेमीफाइनल में दो बार की विश्व कांस्य पदक विजेता चुथामत रकसत से भिड़ सकती हैं। वहीं, लवलीना को पहले दौर में बाई मिली है जिससे वह पदक से महज एक मुकाबला दूर होंगी। वह क्वार्टर फाइनल में कोरिया की सियोंग सुयियोन से भिड़ेंगी। जैसमीन को भी पहले दौर में बाई मिली है और वह सऊदी अरब की अशोर एचजीएस के सामने होंगी।
शिव को आासन ड्रॉ मिला है, जिससे उन्हें फाइनल में पहुंचना चाहिए। वह सेमीफाइनल में चीनी ताइपे के चुएन लाई से भिड़ेंगे। दीपक पिछली बार के लाइट फ्लाईवेट विजेता अमित पंघाल को हराकर एशियाड में जगह बनाई। निशांत क्वार्टर फाइनल में 2012 विश्व चैंपियन जापान के सेवोन ओकाजावा से भिड़ सकते हैं।