रुद्राक्ष पाटिल
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
भारतीय निशानेबाजों ने हाल ही में संपन्न आईएसएसएफ (अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ) विश्व चैंपियनशिप में उत्साहवर्धक प्रदर्शन कर यह जता दिया कि एशियाई खेलों में उन्हें हल्के में नहीं लिया जा सकता है। भारत ने विश्व चैंपियनशिप में छह स्वर्ण और आठ कांस्य सहित 14 पदक जीते लेकिन एशियाई खेलों में देश के निशानेबाजों का प्रदर्शन उनकी क्षमता के मुताबिक नहीं रहा है। पिछली बार इंडोनेशिया (जकार्ता और पालेमबांग) में भारतीय निशानेबाजों ने नौ पदक जीते थे जिनमें दो स्वर्ण, चार रजत शामिल थे। इस बार टीम इस संख्या को बेहतर करना चाहेगी।
पिछले आयोजन में इन खेलों में शानदार प्रदर्शन करने वाले सौरभ चौधरी (10 मीटर एयर पिस्टल) और राही सरनोबत (25 मीटर पिस्टल) जैसे निशानेबाज इस बार भारतीय दल का हिस्सा नहीं हैं। राइफल में संजीव राजपूत, अपूर्वी चंदेला और हीना सिद्धू जैसे दिग्गज टीम में जगह बनाने में नाकाम रहे हैं। भारतीय दल के ज्यादातर निशानेबाज पहली बार इन खेलों का हिस्सा बनेंगे। विश्व चैंपियन 10 मीटर एयर राइफल निशानेबाज रुद्राक्ष पाटिल, ईशा सिंह (10 मीटर एयर पिस्टल), सिफ्ट कौर समरा और आशी चौकसे (50 मीटर राइफल थ्री-पोजीशन) टीम में सबसे प्रतिभाशाली संभावनाओं में से कुछ हैं। इन सभी निशानेबाजों के पास स्वर्ण पदक पर निशाना साधने की क्षमता है लेकिन इसके लिए उन्हें चीन की चुनौती से पार पाना होगा। इनमें सबसे ज्यादा उम्मीदें महाराष्ट्र के निशानेबाज रुद्राक्ष से होगी। इस 19 साल के निशानेबाज ने विश्व चैंपियनशिप के स्वर्ण के साथ 2024 ओलंपिक का कोटा भी हासिल कर लिया है।
ट्रैप में राजेश्वरी, मनु पिस्टल में दिला सकती हैं पदक
ओलंपियन दिव्यांश सिंह पंवार और युवा ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर भी अपनी छाप छोड़ने को तैयार हैं। सिफ्ट ने 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में अनुभवी अंजुम मौदगिल को लगातार चुनौती दी है। स्वप्निल कुसाले ने पिछले साल काहिरा में पेरिस ओलंपिक का कोटा हासिल किया जबकि ऐश्वर्य और अखिल श्योरान भी इस वर्ग में एशिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में शामिल हैं। इक्कीस साल की मनु ने पिछले एशियाई खेलों में तीन स्पर्धाओं में चुनौती पेश की थी लेकिन दिव्या टीएस, ईशा सिंह और पलक जैसे निशानेबाजों ने चयन ट्रायल में इस अनुभवी खिलाड़ी को पछाड़ दिया। मनु इन खेलों में सिर्फ 25 मीटर पिस्टल में भाग लेंगी। निशानेबाजी दल को हाल ही में ट्रैप वर्ग में ओलंपिक कोटा हासिल करने वालीं अनुभवी राजेश्वरी कुमारी से काफी उम्मीदें होंगी। राजेश्वरी ट्रैप वर्ग में कोटा हासिल करने वालीं देश की सिर्फ दूसरी महिला खिलाड़ी हैं। इस वर्ग में प्रतिभाशाली मनीषा कीर और प्रीति रजक की नजरें भी पदक पर होंगी।