150 टन कचरा से बने हैं दुनिया के ये 7 अजूबे, सिर्फ 50 रुपए में देखें रोम, पेरिस, मैक्सिको और चीन की मशहूर इमारतें
7 wonders of the world: देश और दुनिया भर की खूबसूरती चीजों को अपनी आंखों से निहराना शायद हर किसी की ख्वाहिश होती होगी लेकिन हर कोई उन चीजों को नहीं देख सकता है. वैसे तो दुनियाभर में लाखों खूबसूरत जगहें लेकिन ज्यादातर बात 7 अजूबों की होती है जो अलग- अलग देशों में है. जो लोग ऐतिहासिक इमारतों को पसंद करते हैं तो वे 7 अजूबों में हमेशा ही दिलचस्पी लेते हैं. लेकिन अगर आपके पास वास्तव में दुनिया भर में जाने और इसके सात आश्चर्यों का पता लगाने के लिए बैंडविड्थ नहीं है, तो चिंता न करें क्योंकि वे भारत की राजधानी दिल्ली में भी आप देख सकते हैं. जहां आप आगरा के ताज महल से लेकर स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी, चीन की महान दीवार, रोमन कोलोसियम, रियो डी जनेरियो में क्राइस्ट द रिडीमर की मूर्ति, पेरू में माचू पिचू से लेकर मैक्सिको में चिचेन इट्जा और जॉर्डन के पेट्रा तक को देख सकते हैं. साउथ दिल्ली के सराय काले खां बस टर्मिनल के पास दुनिया के 7 अजूबों को बनाया जा चुका है. यहां आने के लिए आपको लाखों रुपए टिकट खर्चने की जरूरत नहीं है. दिल्ली के पार्क में आप इन सभी अजूबों का दीदार सिर्फ 50 रुपए में ही कर सकते हैं और रात में यहां बनी इमारतें और भी ज्यादा खूबसूरत दिखती हैं.
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7 wonders of the world पार्क में गीजा के महान पिरामिड की प्रतिकृतियां हैं जो प्राचीन दुनिया के सात आश्चर्यों में से सबसे पुराना है. दिल्ली के पार्क में तो इसकी रेप्लिका है लेकिन असल में जिस जगह ये स्थित है उसे 2560 ईसा पूर्व यानी लगभग 4580 साल पहले किया गया था. माना जाता है कि इसे बनाने में 23 साल का लंबा वक्त लगा था और एक लाख से ज्यादा मजदूरों ने इसका निर्माण किया था. हालांकि, आप इसकी रेप्लिका को दिल्ली में ही देख सकते हैं.
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पीसा की झुकी हुई मीनार मध्यकालीन दुनिया के सात आश्चर्यों में से एक है. निजामुद्दीन स्टेशन के नजदीक स्थित पार्क में पीसा का मीनार को भी आप देख सकते हैं और इेस हूबहू वैसे ही बनाया गया है जैसे कि इटली में देखने को मिलती है. इटली में ‘लीनिंग टावर ऑफ पीसा’ को वास्तुशिल्प का अदभुत नमूना माना जाता है. इसे अजूबा इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये अपने निर्माण के बाद से ही लगातार नीचे की ओर झुकती जा रही है और इसी झुकने की वजह से वो दुनिया भर में भी मशहूर रही है. दिल्ली के पार्क की मीनार में वैसा अजूबा तो नहीं हैं लेकिन रेप्लिका में आप झुकी हुई मीनार बखूबी देख सकते हैं.
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क्राइस्ट द रिडीमर वैसे तो ब्राजील के रियो डी जेनेरो में स्थित है लेकिन वहां जाना हर किसी के बस की बात नहीं है लेकिन वांडर ऑफ वर्ल्ड पार्क में आप इसकी रेप्लिका को भी उसी रूप में देख सकते हैं. यह एक ईसा मसीह की प्रतिमा है जिसे दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आर्ट डेको स्टैच्यू माना जाता है. असल में ये प्रतिमा अपने 9.5 मीटर आधार सहित 39.6 मीटर लंबी और 30 मीटर चौड़ी है लेकिन दिल्ली में इसे छोटा सा आकर दिया गया है.
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कोलोसियम या कोलिसियम इटली देश के रोम नगर के रोमन साम्राज्य का सबसे बड़ा एलिप्टिकल एंफीथियेटर है जिसे देखने को हर किसी का जी चाहता है. यह रोमन स्थापत्य और अभियांत्रिकी का सर्वोत्कृष्ट नमूना माना जाता है. लेकिन आप इसे दिल्ली में एक रेप्लिका के रूप में देख सकते हैं.
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भारत का रत्न – ताज महल को दुनिया के नए 7 अजूबों में से एक माना जाता है जो कि आगरा में स्थित है. वैसे तो आप आगरा आसानी से जा सकते हैं लेकिन अगर दिल्ली में इसे देखने की लालसा रखते हैं उसकी रेप्लिका भी आप इस पार्क में देख सकते हैं जिसे कचरे से बनाया गया है.
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अब बात करते हैं अमेरिका में स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की. ये विशान प्रतिमा न्यूयॉर्क हार्बर में स्थित है और ये तांबे की मूर्ति 151 फुट लंबी है. 22 मंजिला इस मूर्ति के ताज तक पहुंचने के लिये 354 घुमावदार सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं, जहां पहुंचना हर किसी के लिए आसान नहीं है. लेकिन दिल्ली के पार्क में आप इसका दीदार बिना विदेश जाए भी कर सकते हैं और यहां बच्चे भी आ सकते हैं.
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फ्रांस की राजधानी में पेरिस में स्थित एफिल टॉवर भी एक अजूबा है और यहां पर आना हर किसी का एक सपना होता है. लेकिन दिल्ली के पार्क में भी आप इसे देख सकते हैं जो हूबहू पेरिस के टॉवर की तरह की बनाया गया है.
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आपको बता दें कि वेस्ट टू वंडर पार्क में डायनासोर पार्क का निर्माण भी हो चुका है. इस पार्क में 250 टन से ज्यादा कबाड़ से डायनासोर की स्टेच्यू को बनाया गया है. आपको बता दें, कि इस पार्क में लगभग 40 डायनासोर के स्टेच्यू बनाए जाएंगे, जिनमें से 24 छोटे और 16 बड़े आकार के स्टेच्यू हैं.
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