Weekly Vrat Tyohar 2025 (18–24 September): फिलहाल भाद्रपद महीना चल रहा है और आज सोमवार 18 सितंबर 2025 से सितंबर महीने के तीसरे हफ्ते की शुरुआत हुई है. आज भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है. आज चित्रा नक्षत्र के साथ ही इंद्र और रवि योग रहेगा.
व्रत-त्योहारों की दृष्टि से सितंबर का यह पूरा सप्ताह बहुत ही महत्वपूर्ण रहने वाला है. क्योंकि इस हफ्ते कई महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार पड़ेंगे. इस हफ्ते की शुरुआत हरतालिका तीज व्रत के साथ हुई है. इसके साथ ही इस हफ्ते गणेश चतुर्थी, ऋषि पंचमी, राधा अष्टमी और महालक्ष्मी व्रत भी पड़ेंगे. आइए जानते हैं 18-24 सितंबर 2025 के बीच पड़ने वाले व्रत-त्योहारों के बारे में.
- 18 सितंबर 2025 सोमवार, हरतालिका तीज व्रत (Hartalika Teej Vrat 2025): आज सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए हरतालिका तीज का व्रत रखेंगी. भाद्रपद में पड़ने वाली इस तीज को बड़ी तीज भी कहते हैं. इस दिन निर्जला और निराहार व्रत रखने का विधान है. पूरे दिन व्रत रखने के बाद अगले दिन इसका पारण किया जाता है.
- 19 सितंबर 2025 मंगलवार, गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2025): 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी पड़ेगी. इसी दिन से 10 दिवसीय गणेश उत्सव की शुरुआत हो जाएगी. गणेश चतुर्थी पर घर, मंदिर से लेकर दफ्तर और पूजा पंडाल में बप्पा की मूर्ति स्थापित की जाएगी और 10 दिनों तक पूजा-पाठ करने के बाद अनंत चतुर्दशी पर विसर्जन किया जाएगा.
- 20 सितंबर 2025 बुधवार, ऋषि पंचमी (Rishi Panchami): पंचांग के अनुसार, ऋषि पंचमी हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है, जोकि इस साल 20 सितंबर को पड़ रही है. ऋषि पंचमी का व्रत सभी व्यक्ति रख सकते हैं. इस दिन जाने-अनजाने में किए पापों के प्रायश्चित के लिए व्रत रखकर सप्तऋषियों की पूजा की जाती है.
- 22 सितंबर 2025 शुक्रवार, महालक्ष्मी व्रत (Mahalaxmi Vrat 2025): 16 दिनों तक चलने वाले महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत 22 सितंबर से होगी. इन 16 दिनों के दौरान लक्ष्मीजी की पूजा-अराधना की जाती है. मान्यता है कि, इससे घर की सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है.
- 23 सितंबर 2025 शनिवार, राधा अष्टमी (Radha Ashtami 2025): कृष्ण जन्माष्टमी के 15 दिन बाद राधा अष्टमी मनाई जाती है. राधा अष्टमी को राधारानी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है, जोकि इस साल भाद्रपद शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 23 सितंबर को पड़ रही है. मान्यता है कि, राधाष्टमी के दिन व्रत-पूजन करने से कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा का फल प्राप्त होता है.
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