प्रतिवर्ष बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री सीतारमण की घोषणाओं का जितना लोगों को इंतजार होता है, उतना ही उनके लुक पर भी लोगों को ध्यान रहता है। हर साल सीतारमण हैंडलूम साड़ी में बजट पेश करने के लिए संसद पहुंचती हैं। इसी के जरिए वह भारत के हैंडलूम को बढ़ावा देती हैं।
अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने महिला सशक्तिकरण के साथ ही कई अन्य घोषणाएं कीं। महिलाओं को सशक्त बनाने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए वित्त मंत्री बेहतर मिसाल हैं। आइए जानते हैं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की शिक्षा और उनके राजनीतिक जीवन के बारे में।
तमिलनाडु के मदुरै में 18 अगस्त 1959 को एक ब्राह्मण परिवार में निर्मला सीतारमण का जन्म हुआ। सीतारमण के पिता का नाम नारायण सीतारमण और माता का नाम सावित्री देवी है। बचपन से ही सीतारमण पढ़ाई में होशियार थीं। उन्होंने तिरुचिरापल्ली के सीतालक्ष्मी कॉलेज से बीए की डिग्री हासिल की। 1980 में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में परास्नातक की पढ़ाई की। बाद में एमफिल की डिग्री प्राप्त की।
जब सीतारमण जेएनयू से एमफिल की पढ़ाई कर रही थीं, उस दौरान उन्हें अपने सहपाठी पराकला प्रभाकर से प्यार हो गया। दोनों ने शादी कर ली और लंदन में शिफ्ट हो गईं। 1991 में उनकी पहली संतान का जन्म हुआ, उससे पहले वह स्वदेश लौट आईं। बाद में हैदराबाद में रहने लगीं।
पढ़ाई पूरी करने के बाद निर्मला सीतारमण ने प्राइस टपर हाउस कूपर में सीनियर मैनेजर की पदभार को संभालते हुए अपने करियर की शुरुआत की। बाद में बीबीसी वर्ल्ड सर्विस में भी कार्य किया। हैदराबाद वापस आने के बाद प्रणव स्कूल की स्थापना में वह संस्थापकों में से एक रहीं। नेशनल कमीशन आफ वीमेन की सदस्य भी रहीं।
सीतारमण के पति भारतीय जनता पार्टी से जुड़े थे। साल 2000 में उनके पति भाजपा के आंध्र प्रदेश यूनिट के प्रवक्ता रहे। इस दौरान सीतारमण की भी राजनीति में समझ और रूचि बढ़ी। बाद में 2006 में सीतारमण ने भी भाजपा ज्वाइन कर ली। हालांकि उनके पति ने अगले ही वर्ष फिल्म स्टार चिरंजीवी की पार्टी ज्वाइन कर ली। लेकिन निर्मला सीतारमण भाजपा से जुड़ी रहीं और उस दौर में पार्टी के 6 प्रवक्ताओं के बीच उन्हें जगह मिली। वर्ष 2010 में सीतारमण भाजपा की पार्टी की प्रवक्ता बनीं।