Padma Awards 2025 List Of Female Awardees Story In Hindi Female Mahout To…

Facebook
Twitter
Pinterest
WhatsApp

Padma Shri 2025 List : इस बार का गणतंत्र दिवस महिलाओं के नाम रहा। 75वें गणतंत्र दिवस के मौके पर हुई परेड में पहली बार तीनों सेनाओं की एक महिला टुकड़ी ने मार्च किया। कई राज्यों की झांकियों की थीम नारी शक्ति पर केंद्रित हैं। वहीं गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय पुरस्कारों की घोषणा। 34 लोगों को राष्ट्रीय पुरस्कारों के लिए नामित किया गया। पुरस्कारों की लिस्ट में भी महिला शक्ति दिखी। 8 महिलाओं को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। आइए जानते हैं पद्मश्री 2025 के लिए नामित इन आठ महिलाओं के बारे में।

पहली महिला महावत पारबती बरुआ

हाथी की परी नाम से मशहूर पारबती बरुआ तमाम रूढ़िवादी विचारों को पीछे छोड़ देश की पहली महिला महावत बनीं। पारबती ने वैज्ञानिक तरीकों को अपनाते हुए मानव-हाथी संघर्ष को कम करने की दिशा में डटकर काम किया। पारबती ने महज 14 वर्ष की आयु में अपने पिता से महावत बनने के गुर सीखने शुरू किए। जंगली हाथियों से निपटने और उन्हें पकड़ने में पारबती ने तीन राज्य सरकारों की मदद की। 67 वर्षीय पारबती बरुआ एक संपन्न परिवार से ताल्लुक रखती हैं लेकिन उन्होंने साधारण जीवन अपने लिए चुना।




आदिवासी पर्यावरणविद् चामी मुर्मू

सरायकेला की सहयोगी चामी मुर्मू झारखंड की रहने वाली हैं। 52 साल की चामी को पर्यावरण-वनरोपण के लिए सामाजिक कार्य में पद्मी से सम्मानित किया गया है। चामी ने 3 हजार से अधिक वृक्षारोपण के प्रयास को गति दी और तीन हजार महिलाओं के साथ पौधे लगाए। स्वयं सहायता समूह की मदद से 40 से ज्यादा गांवों की 30000 महिलाओं को सशक्त बनाया। चामी की एनजीओ सहयोगी महिला की पहल से सुरक्षित मातृत्व, एनीमिया, कुपोषण और किशोरियों की शिक्षा पर जोर देने के लिए जागरूक किया गया।


के चेलाम्मल

नारियल अम्मा के नाम से मशहूर दक्षिण अंडमान की के चेलाम्मल को पद्मश्री के लिए चयनित किया गया है। 69 साल की चेलाम्मल ने सिर्फ कक्षा 6 तक पढ़ाई की है। हालांकि खेती और जैविक उत्पादन में उनका अनुभव बहुत गहरा है। वह 10 एकड़ जमीन पर खेती करती हैं। जैविक कृषि के जरिए वह लौंग, अदरक, अनानास, केले की खेती करती हैं। उन्होंने 150 से अधिक किसानों को जैविक खेती के लए प्रेरित किया। उन्होंने कई तरीके निकाले जिससे नारियल की खेती आसानी से की जा सकती है। इसमें लागत भी कम है और पेड़ों को नुकसान से बचाने में मदद मिलती है। नारियल अम्मा हर साल 27000 से ज्यादा नारियल का उत्पादन करती हैं। साथ ही अंडमान में होने वाले साधारण ताड़ के 460 पेड़ों का भी उत्पादन करती हैं।


हर्बल मेडिसिन यानंग जमोह लेगो

पूर्वी सियांग की हर्बल मेडिसिन विशेषज्ञ यानंग जमोह लेगो ने आदि जनजाति के पारंपरिक उपचार प्रणाली को पुनर्जीवित किया।  यानंग ने 10000 से अधिक रोगियों को चिकित्सा देखभाल प्रदान की और औषधीय जड़ी-बूटियों के बारे में 1 लाख व्यक्तियों को शिक्षित किया। यानंग ने पांच हजार औषधीय पौधों का रोपण किया और जिले के हर घर में हर्बल किचन गार्डन को स्थापित करने के लिए प्रयास किया। आर्थिक स्थिति और निजी चुनौतियों को दरकिनार कर यानंग ने अपना जीवन खो चुकी पारंपरिक उपचार प्रणाली को दोबारा जीवित करने में लगा दिया।

स्मृति रेखा चकमा

स्मृति रेखा चकमा त्रिपुरा की रहने वाली हैं और लोनलूम शाॅल बुकर हैं। चकमा पर्यावरण के अनुकूल सब्जियों से रंगें सूती धागों को पारंपरिक डिजाइनों में ढालने का काम करती हैं। चकमा ने प्राकृतिक रंगों के उपयोग को बढ़ावा दिया। उन्होंने एक सामाजिक कल्चर संगठन की स्थापना की जहां ग्रामीण महिलाओं को बुनाई कला की ट्रेनिंग दी जाती है।


प्रेमा धनराज अग्नि रक्षक

अग्नि रक्षक के तौर पर मशहूर प्रेमा धनराज एक प्लास्टिक सर्जन और सामाजिक कार्यकर्ता है, जिन्होंने अपना जीवन जली हुई पीड़ितों की देखभाल और पुनर्वास के लिए समर्पित कर दिया। वह खुद एक बर्न विक्टिम हैं, जो बर्न सर्जन बनी और अपने जीवन में हुए हादसे से उबरकर दूसरे पीड़ितों की मदद को आगे आईं।

प्रेमा ने अग्नि रक्षा एनजीओ की स्थापना की जहां 25000 से ज्यादा जले हुए पीड़ितों की मुफ्त सर्जरी की गई। प्लास्टिक सर्जरी पर उनकी तीन बुक आईं। आठ साल की उम्र में प्रेमा 50 फीसद से ज्यादा जल गई थीं, जब रसोई में खेलने के दौरान उनके चेहरे पर स्टोव फट गया था। बचपन में ही उनकी 14 सर्जरी हुईं। बाद में उसी अस्पताल में सर्जन और एचओडी बनीं।


Facebook
Twitter
Pinterest
WhatsApp
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular