Saturday, May 11, 2024

Kainchi Dham Neem Karoli Baba Incarnation Of Lord Hanuman Know Biography…

Neem Karoli Baba Biography in Hindi: नीम करोली बाबा को केवल भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध संत के रूप में जाना जाता है. ये 20वीं सदी के महान संतों में एक थे, जिनके दर्शन के लिए बड़ी-बड़ी हस्तियां भी लालायित रहती थीं.

नीम करोली बाबा के भक्तों की सूची में एप्पल कंपनी के फाउंडर स्टीव जॉब्स, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, क्रिकेटर विराट कोहली और अभिनेत्री अनुष्का शर्मा का नाम भी शामिल है. बाबा के अनुयायी इन्हें हनुमान जी का अवतार मानते हैं. बाबा के जीवन से कई चमत्कार भी जुड़े हैं. लेकिन इतनी महानता होने के बावजूद भी बाबा स्वयं को साधारण व्यक्ति ही मानते थे और किसी भी भक्त को अपने पैर छूने नहीं देते थे. जानते हैं नीम करोली बाबा के संपूर्ण जीवन के बारे में.

नीम करोली बाबा का जीवन परिचय

नीम करोली बाबा का जन्म उत्तर प्रदेश के अकबरपुर में 1900 के करीब हुआ था. इनके पिता का नाम दुर्गा प्रसाद था. नीम करोली बाबा का वास्तविक नाम लक्ष्मीनारायण शर्मा था. बाबा जब तक जीवित थे, लोग उन्हें नीम करोली बाबा, लक्ष्मण दास, हांडी वाले बाबा, तिकोनिया वाले बाबा और तलईया बाबा जैसे नामों से जानते थे.

बाबा की प्रारंभिक शिक्षा किरहीनं गांव से हुई और 17 साल की आयु में इन्हें ज्ञान की प्राप्ति हो गई. नीम करोली बाबा का विवाह 11 वर्ष की अल्पायु में ही कर दिया था. लेकिन विवाह के बाद बाबा ने गृह त्याग कर दिया और गुजरात में एक वैष्णव मठ में दीक्षा लेकर साधना करने लगे. बाबा ने कई स्थानों पर भ्रमण किया. लेकिन एक बार फिर से इन्हें गृहस्थ जीवन में लौटना पड़ा.

इसके बाद नीम करोली बाबा को दो पुत्र और एक पुत्री की प्राप्ति हुई. लेकिन 1958 में बाबा ने फिर से गृह त्याग कर दिया और अनेक स्थानों पर भ्रमण करते हुए कैंची धाम पहुंच गए. बाबा ने 1964 में इस आश्रम की स्थापना की. यहां बाबा ने हनुमान मंदिर की थी स्थापना की थी. बाबा 1961 में पहली बार अपने मित्र पूर्णानंद के साथ यहां आए थे और उनके साथ यहां आश्राम बनाने का विचार किया था. बता दें कि नीम करोली बाबा के आश्रम केवल भारत में ही नहीं विदेशों में भी हैं.

नीम करोली बाबा की मृत्यु

नीम करोली बाबा आगरा से नैनीताल जा रहे थे. तभी रास्ते में उनकी तबियत खराब हो गई, जिस कारण उन्हें वृंदावन स्टेशन पर ही उतरना पड़ा. आनन-फानन में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. बाबा ने तुलसी और गंगाजल ग्रहण कर 11 सितंबर 1973 को अपने प्राण त्याग दिए. वृंदावन में नीम करोली बाबा की समाधि मंदिर है.

हनुमान जी के उपासक थे बाबा नीम करोली

बाबा नीम करोली को भक्त व उनके अनुयायी हनुमान जी का अवतार मानते थे. लकिन नीम करोली बाबा खुद भी हनुमान जी की पूजा करते थे. उन्होंने हनुमान जी के कई मंदिर भी बनवाएं. जब कोई भक्त नीम करोली बाबा के पैर छूता तो बाबा पैर छूने से मना कर देते और कहते पैर छूना ही है तो हनुमान जी के छुओ. नीम करोली बाबा भले ही आज जीवित नहीं हैं. लेकिन उनके भक्त श्रद्धापूर्वक उन्हें मानते हैं. बाबा अपने अलौकिक रूप में भक्तों के बीच हमेशा विराजमान रहते हैं.

ये भी पढ़ें: Jagadguru Kripalu Ji Maharaj: जानिए जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज के बारे में, जिन्होंने कराया भव्य ‘प्रेम मंदिर’ का निर्माण

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें. 

Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular