Friday, October 18, 2024

प्रेशर बनने पर टॉयलेट रोकना क्यों होता है मुश्किल? ब्लैडर और ब्रेन का यह…

<p style="text-align: justify;">ट्रेवल या किसी खास मीटिंग के बीच में अक्सर हम कुछ सावधानियों का पालन करते हैं ताकि हमें टॉयलेट न लगे. लेकिन कई बार ऐसा होता है कि टॉयलेट लग जाती है. वहीं कई रिसर्च में यह भी कहा गया है कि अगर आप शरीर के नैचुरल चीजों को कंट्रोल करते हैं तो आपको स्वास्थ्य संबंधी कई दिक्कतें हो सकती हैं. ‘इंडियन एक्सप्रेस’ में छपी खबर के मुताबिक आप अपने ब्लैडर को बैलून की तरह सोचें.</p>
<p style="text-align: justify;">जैसे ही यह टॉयलेट से भर जाता है तो यह दिमाग में इसे खाली करने का सिग्नल देने लगता है. यदि आप इसे रोकते हैं तो ब्लैडर फैलने लगता है. इसके वॉल पर काफी ज्यादा प्रेशर पड़ता है. जिसके कारण यह अपने ऑरिजिनल साइज से ज्यादा बड़ा हो जाता है. ये फट भी सकता है. ब्लैडर फटेगा तो नहीं लेकिन यह आपको कई स्वास्थ्य संबंधी दिक्कते पैदा कर सकता है.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>टॉयलेट के रास्ते में इंफेक्शन</strong></p>
<p style="text-align: justify;">पोषण विशेषज्ञ लीमा महाजन ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर किया है जिसमें यूटीआई या टॉयलेट के रास्ते में संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. मूत्राशय की शिथिलता का खतरा भी बढ़ सकता है. मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर नई दिल्ली और वृन्दावन की मेडिकल डायरेक्टर, स्त्री रोग विशेषज्ञ और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता ने सहमति व्यक्त की और बताया कि इससे यूटीआई हो सकता है क्योंकि लंबे समय तक मूत्राशय में रहने वाला मूत्र बैक्टीरिया के लिए प्रजनन स्थल प्रदान कर सकता है. अगर इलाज न किया जाए तो यूटीआई असुविधा, दर्द और संभावित रूप से अधिक गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है. इसके अतिरिक्त, पेशाब करने की इच्छा को दबाने से समय के साथ मूत्राशय की शिथिलता हो सकती है.</p>
<p style="text-align: justify;">मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर नई दिल्ली और वृन्दावन की मेडिकल डायरेक्टर, स्त्री रोग विशेषज्ञ और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता ने सहमति व्यक्त की और बताया कि इससे यूटीआई हो सकता है क्योंकि लंबे समय तक मूत्राशय में रहने वाला मूत्र बैक्टीरिया के लिए प्रजनन स्थल प्रदान कर सकता है. अगर इलाज न किया जाए तो यूटीआई असुविधा, दर्द और संभावित रूप से अधिक गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है. पेशाब करने की इच्छा को दबाने से समय के साथ मूत्राशय की शिथिलता हो सकती है.</p>
<p style="text-align: justify;">अपशिष्ट को नष्ट करने के लिए शरीर में एक सूक्ष्म प्रणाली है. जिंदल नेचरक्योर इंस्टीट्यूट की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बबीना एन एम ने कहा,’पेशाब करने की इच्छा को दबाने से यह प्राकृतिक प्रक्रिया बाधित होती है, जिससे संभावित रूप से शारीरिक कार्यों में असंतुलन हो सकता है.</p>
<div dir="auto" style="text-align: justify;"><strong>Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.</strong></div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;">&nbsp;</div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें: </strong><strong><a title="हुक्का सेहत को किस तरह पहुंचा सकता है नुकसान, जानिए कर्नाटक में इसे क्यों किया गया बैन" href="https://www.abplive.com/lifestyle/health/health-tips-hookah-ban-in-karnataka-know-how-harmful-for-human-body-2607445/amp" target="_self">हुक्का सेहत को किस तरह पहुंचा सकता है नुकसान, जानिए कर्नाटक में इसे क्यों किया गया बैन</a></strong></div>Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular