Wednesday, November 27, 2024

Winter Woes Why Kids Suffer From Respiratory Infections His Season Doctor…

सर्दी का मौसम आते ही बड़ी संख्या में बच्चे कॉमन कोल्ड-कफ, खांसी और बुखार से पीड़ित होते हैं. इसके पीछे कई ऐसे कारण हैं जिनकी वजह से बच्चे सर्दियों के दौरान सांस की बीमारी, इंफेक्शन से पीड़ित होते हैं. हालांकि, कुछ ऐसे घरेलु नुस्खे हैं. जिसके जरिए आप अपने बच्चे को इस मौसमी संकट से बचा सकते हैं. सर्दी के मौसम में संक्रामक मरीजों में भी वृद्धि देखी जाती है. ठंड के मौसम में बच्चों में कॉमन कोल्ड-कफ, फ्लू और ब्रोंकाइटिस सहित श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि देखी जाती है.और बच्चे निमोनिया से भी पीड़ित हो सकते हैं. बच्चों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए समय पर उपचार लेना आवश्यक है.

सर्दी में होती है लंग्स से जुड़े इंफेक्शन

सर्दियों के दौरान, बच्चे असंख्य श्वसन संबंधी बीमारियों से प्रभावित हो सकते हैं. ब्रोंकियोलाइटिस प्रमुख स्थान रखता है. ज्यादातर शिशुओं और बच्चों को प्रभावित करने वाली यह बीमारी फेफड़ों में छोटे वायुमार्गों की सूजन से जुड़ी बीमारी है, जो कि श्वसन सिंकाइटियल वायरस (आरएसवी) के कारण होती है. यह वायरस खांसी या छींक से निकलने वाली बूंदों से फैलता है और नाक बहना, बुखार और घरघराहट जैसे लक्षण शुरू करता है. हम एडेनोवायरस और इन्फ्लुएंजा समूह के वायरस के कारण भी मामले देख रहे हैं.

निमोनिया का होता है खतरा

बच्चों को सर्दी में निमोनिया और सांस से जुड़ी बीमारी होने लगती है. फेफड़ों में भी इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. जिससे सांस लेने में गंभीर कठिनाई होती है. यह बैक्टीरिया, वायरस या कवक हो सकता है जो इस स्थिति को लाता है, लेकिन सर्दियों के दौरान इनडोर गतिविधि में वृद्धि से परिवारों के भीतर इसका प्रसार हो सकता है, जिससे वयस्कों की तुलना में बच्चों में अधिक गंभीर निमोनिया हो सकता है. इसी तरह, ठंड के मौसम से होने वाली दमा की बीमारियां किसी के लिए सांस लेना मुश्किल कर सकती हैं.

इसके शुरुआती लक्षण होते हैं भरी हुई नाक, गले में खराश और कर्कश आवाज शामिल हैं. कुछ रोगियों को इन बीमारियों के शुरुआती लक्षणों के रूप में स्वाद या गंध की हानि, थकान या सुस्ती, सांस लेने में कठिनाई, दस्त, मतली या उल्टी का अनुभव हो सकता है. बच्चों में आमतौर पर तेज बुखार, सर्दी/खांसी, आवाज में बदलाव और कभी-कभी सांस लेने में कठिनाई होती है. आमतौर पर सर्दी में 5 साल से कम उम्र वाले बच्चों को यह बीमारी शिकार बनाती है. 

ऐसे करें बचाव

साफ-सफाई का ध्यान रखें. खाने से पहले हाथों को साबुन और पानी से साफ करें. बच्चों को खांसते और छींकते समय अपना मुंह ढकना सिखाएं. जिन लोगों में बीमारियों के लक्षण दिखें उन्हें घर पर तब तक अलग-थलग रखा जाना चाहिए जब तक कि वे संक्रामक न हो जाएं. इन बच्चों की देखभाल करते समय, दस्ताने और मास्क जरूर पहनें. बच्चे को तब तक अलग-थलग रहना चाहिए जब तक कि वह संक्रामक ठीक न हो जाए. मौसमी बीमारियों से बचने के लिए बच्चों को समय-समय पर टीकाकरण कराएं. निमोनिया का टीका और सलाना फ्लू का टीका बिना चूके लेना चाहिए. बच्चों को भीड़-भाड़ वाली जगहों और बीमार लोगों के आसपास जाने से बचना चाहिए. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, मास्क पहनना चाहिए, हाइड्रेटेड रहना चाहिए, डॉक्टर के सुझाव के अनुसार दवा लेनी चाहिए और पौष्टिक आहार खाना चाहिए.

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

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