जंतर-मंतर पर पहलवानों का प्रदर्शन और बृजभूषण शरण सिंह
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भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के चुनाव की तारीखों का एलान हो गया है। छह जुलाई को सभी पद के लिए मतदान होंगे। उसी दिन नतीजा भी सामने आ जाएगा। चुनाव के दौरान सबकी नजर अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी लोगों पर रहेगी। यौन शोषण के आरोपों में घिरे बृजभूषण शरण सिंह इस चुनाव से दूर रहेंगे, लेकिन साथी अपनी किस्मत आजमा सकते हैं।
भारत के शीर्ष पहलवानों ने काफी दिनों तक कुश्ती संघ के चुनाव के लिए और अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह सहित अन्य पदाधिकारियों को हटाने के खिलाफ लगातार प्रदर्शन किया। पहलवानों ने बृजभूषण शरण सहित टीम के कुछ कोच पर यौन शोषण का आरोप लगाए थे।
किन पदों के लिए होंगे चुनाव
पद | जगह |
अध्यक्ष | 1 |
वरिष्ठ उपाध्यक्ष | 1 |
उपाध्यक्ष | 1 |
महासचिव | 1 |
कोषाध्यक्ष | 1 |
संयुक्त सचिव | 2 |
कार्यकारी सदस्य | 5 |
The election for Wrestling Federation of India will be held on July 6. pic.twitter.com/xvjDcOdwdA
— ANI (@ANI) June 13, 2023
पहलवानों ने जनवरी में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ खोला था मोर्चा
देश के शीर्ष पहलवान 138 दिन से बृजभूषण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे। 18 जनवरी को पहली बार पहवान धरने पर बैठे थे और 23 अप्रैल को दूसरी बार धरना शुरू किया। इसके बाद पहलवानों ने मौसम की मार झेली, पुलिस के साथ झड़प हुई। पहलवानों के खिलाफ एफआईआर भी हुई, लेकिन विरोध प्रदर्शन जारी रहा। हालांकि, पहलवानों और गृहमंत्री अमित शाह के बीच मुलाकात के बाद कहानी बदल गई और पहलवान काम पर लौट गए। उसके बाद खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ हुई बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा की गई और कुछ मामलों पर सहमति बनी। फिर पहलवानों ने 15 जून तक धरना-प्रदर्शन नहीं करने की बात मान ली।
खेल मंत्री के साथ पहलवानों की बैठक में यह भी सहमति बनी थी कि बृजभूषण के परिवार का कोई सदस्य या उनका सहयोगी महासंघ का चुनाव नहीं लड़ेगा। देखने वाली बात यह होगी कि महासंघ के चुनाव के लिए बृजभूषण से जुड़े कितने लोग नामांकन भरते हैं। बृजभूषण के बेटे करणभूषण सिंह कुश्ती महासंघ में उपाध्यक्ष हैं, जबकि उनके दामाद विशाल सिंह बिहार कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं। चुनाव के लिए वोटर सूची जारी करना आसान नहीं होगा। हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश कुश्ती संघ को कुश्ती महासंघ ने भंग कर नए संघ की स्थापना की है। ज्यादातर मामले अदालत में लंबित हैं। ऐसे में यह पीठासीन अधिकारी पर निर्भर करेगा कि वह किसी राज्य संघ को वोट का अधिकार देते हैं।