Vijaya Ekadashi 2025: शास्त्रों के अनुसार एकादशी का व्रत करने से शरीर, मन, आत्मा की शुद्धि होती है. साधक को अलौकिक शक्ति प्राप्त होती है. एक महीने में दो एकादशी व्रत आते हैं. हर एकादशी का अपना महत्व होता है.
25 फरवरी से फाल्गुन महीना शुरू हो रहा है, फाल्गुन कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है. अपने नाम स्वरूप विजया एकादशी व्रत व्यक्ति को हर क्षेत्र में विजय दिलाता है. जानें विजया एकादशी 2025 की डेट, पूजा मुहूर्त, व्रत पारण समय और महत्व.
विजया एकादशी 2025 डेट (Vijaya Ekadashi 2025 Date)
विजया एकादशी व्रत 6 मार्च 2025, बुधवार को है. माना जाता है कि इस दिन श्री हरि की पूजा करने के साथ व्रत रखने से हर क्षेत्र में सफलता हासिल होती है. ये व्रत एकादसी पर सूर्योदय से शुरू होकर अगले दिन द्वादशी तिथि पर सूर्योदय के बाद समाप्त होता है.
विजया एकादशी 2025 मुहूर्त (Vijaya Ekadashi 2025 Muhurat)
पंचांग के अनुसार फाल्गुन कृष्ण पक्ष की एकादशी 6 मार्च 2025 को सुबह 06.30 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 7 मार्च 2025 को सुबह 04.13 मिनट पर समाप्त होगी.
- विष्णु पूजा समय – सुबह 06.41 – सुबह 09.37
विजया एकादशी 2025 व्रत पारण समय (Vijaya Ekadashi 2025 Vrat Parana Time)
विजया एकादशी का व्रत पारण 7 मार्च 2025 को दोपहर 01.43 से शाम 04.04 के बीच किया जाएगा. पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय सुबह 09:30 है.
विजया एकादशी महत्व (Vijaya Ekadashi Significance)
पुराणों के अनुसार श्रीराम स्वयं विष्णु के अवतार थे, लेकिन अपनी लीलाओं के चलते प्राणियों को सद्मार्ग दिखाने के लिए उन्होंने विष्णु भगवान के निमित्त इस व्रत को किया. विजय की इच्छा रखने वाला इस उपवास को करके अनंत फल का भागी बन सकता है. श्री ब्रह्माजी ने नारदजी से कहा था जो इस व्रत का माहात्म्य श्रवण करता है या पढ़ता है उसे वाजपेय यज्ञ के फल की प्राप्ति होती है.
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