Friday, November 22, 2024

Tulsidas Jayanti 2023 Kab Hai Ramcharitmanas Writer Tulsidas Ji History…

Tulsidas Jayanti 2023 Kab Hai: हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को तुलसीदास जयंती मनाई जाती है. हिंदू महाकाव्य रामचरितमानस, हनुमान चालीसा समेत तमाम ग्रंथों की रचना की और अपना पूरा जीवन श्रीराम की भक्ति और साधना में व्यतीत किया.

इस साल 23 अगस्त 2023 बुधवार को तुलसीदास जी का 526वां जन्मदिन मनाया जाएगा. जानते हैं तुलसीदास जी से जुड़े रोचक तथ्य और कथा.

तुलसीदास जी का इतिहास (Tulsidas ji History)

  • गोस्वामी तुलसीदास जी का जन्म उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में हुआ था. वे सरयूपारी ब्राह्मण थे. जन्म लेते ही तुलसीदास जी के मुख से ‘राम’ नाम का शब्द निकला था इसलिए, उनका नाम रामबोला रख दिया गया था.
  • गोस्वामी तुलसीदास 16वीं सदी के महान संत और कवियों में एक माने जाते हैं. वह श्रीरामचरितमानस, कवितावली, जानकीमंगल, विनयपत्रिका, गीतावली, हनुमान चालीसा, बरवै रामायण  के रचयिता है.
  • बचपन में मां के देहांत के बाद पिता भी तुलसीदास जी के लालन-पालन की जिम्मेदाराी से पीछे हट गए. रामबोला की मां की दासी चुनिया ने उन्हें अपने पुत्र के रूप में पालना शुरू किया.  लेकिन उनका भी निधन हो गया जब रामबोला महज साढ़े पांच साल के थे.
  • गरीबी और भूख से त्रस्त तुलसीदास जी ने भिक्षा मांगकर अपना गुजारा किया. कहते हैं तुलासीदास जी  की ये हालत देखकर मां पार्वती ने भेष बदलकर उनका पालन पोषण किया.

तुलसीदास जी ऐसे बने श्रीराम के भक्त

शादी के बाद तुलसीदास जी की पत्नी एक बार मायके चली गई थी. पत्नी वियोग में तुलसीदास जी भी उनके पीछे चल दिए. तब पत्नी रत्नावली ने कहा “लाज न आई आपको दौरे आएहु नाथ” अस्थि चर्म मय देह यह, ता सों ऐसी प्रीति ता। नेकु जो होती राम से, तो काहे भव-भीत बीता.

अर्थात- ‘हड्डी और मांस के इस शरीर से इतना प्रेम. अगर इतना ही प्रेम तुमने राम से किया होता तो ये जीवन सुधर जाता.’ पत्नी की बात सुनते ही तुलसीदास जी का अंतर्मन जाग उठा और फिर उन्होंने अपना सारा जीवन श्रीराम की भक्ति में व्यतीत किया.

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