पुरस्कार राशि भी कर दी खर्च
एटीपी टूर में खेलने के लिए नागल ने अपनी सभी पुरस्कार राशि, आईओसीएल से मिलने वाला अपना वेतन और महा टेनिस फाउंडेशन से मिलने वाली सहायता राशि को खर्च किया है। उनका यह खर्च पाइन में अभ्यास केंद्र में रुकने तथा अपने कोच या फिजियो के साथ टूर्नामेंट के लिए यात्राओं पर होता है। नागल ने कहा, ‘मेरे पास बैंका खाते में इतनी ही राशि है जितनी की वर्ष के शुरुआत में थी। यह 900 यूरो (लगभग 80000 रुपये) है। मुझे थोड़ी मदद भी मिली। मेरे पास कोई बड़ा प्रायोजक नहीं है।’
वार्षिक खर्च एक करोड़ तक, 65 लाख कमाए
नागल ने इस साल 24 टूर्नामेंटों में हिस्सा लिया जिनसे उन्होंने लगभग 65 लाख रुपये की कमाई की। उन्हें सबसे बड़ी पुरस्कार राशि यूएस ओपन से मिली जहां वह क्वालिफायर के पहले दौर में हार गए थे, लेकिन इसके बावजूद उन्हें 22000 अमेरिकी डॉलर (लगभग 18 लाख रुपये) मिले। उन्होंने कहा, ‘मैं जो भी कमाई कर रहा हूं उसे खर्च कर दे रहा हूं। मेरा वार्षिक खर्च लगभग 80 लाख से लेकर एक करोड़ रुपये तक है और यह भी तब है जब मैं केवल एक कोच के साथ यात्रा करता हूं। मैंने जो भी कमाया उसे खर्च भी कर दिया।’
नहीं मिला बड़ा प्रायोजक
उन्होंने कहा, ’पिछले कुछ वर्षों से भारत का नंबर एक खिलाड़ी होने के बावजूद मुझे पर्याप्त सहयोग नहीं मिल रहा है। मैं ग्रैंडस्लैम के लिए क्वालिफाई करने वाला एकमात्र भारतीय एकल खिलाड़ी हूं तथा मैंने पिछले साल ओलंपिक में एक मैच भी जीता था। इसके बावजूद सरकार ने मुझे टॉप्स में शामिल नहीं किया है।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि चोटिल होने के कारण जब मेरी रैंकिंग गिर गई तो किसी ने भी मेरी मदद करना उचित नहीं समझा। किसी को भी विश्वास नहीं था कि मैं वापसी कर सकता हूं। यह निराशाजनक है क्योंकि मुझे लगता है कि मैं जो कुछ भी करता हूं वह पर्याप्त नहीं है। भारत में वित्तीय सहायता हासिल करना बहुत मुश्किल है। ईमानदारी से कहूं तो मुझे पता नहीं कि क्या करना है। मैंने हार मान ली है।’
बचत के नाम पर कुछ नहीं
नागल ने कहा, ‘मेरे पास बचत के नाम पर कुछ भी नहीं है और मैं टूट रहा हूं। मैं यह नहीं कह सकता कि मैं बहुत अच्छी जिंदगी जी रहा हूं जहां मुझे काम करने की जरूरत नहीं है। मैंने पिछले दो वर्षों में खास कमाई नहीं की है।’ नागल एटीपी एकल रैंकिंग में 159वें स्थान पर हैं जो भारतीयों में सर्वश्रेष्ठ है।