Pradosh Vrat 2023: सावन का महीना भोलेनाथ की भक्ति के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है. इस माह में प्रदोष व्रत का भी अलग महत्व होता है. प्रदोष व्रत में शिव जी की आराधना करना सर्वश्रेष्ठ माना गया है. हर माह में दो प्रदोष व्रत पड़ते है. सावन में पड़ने वाले प्रदोष के व्रत का महत्व बहुत ज्यादा होता है क्योंकि आप भोलेनाथ को प्रसन्न कर सकते हैं.
इस बार सावन का पवित्र महीना पूरे 59 दिन का है. अधिक मास से वजह से इस बार सावन में 4 नहीं बल्कि 8 सोमवार पड़ेंगे. अगस्त महीना का दूसरा प्रदोष व्रत 28 अगस्त, 2023 सोमवार के दिन रखा जाएगा. वहीं अगस्त का पहला प्रदोष का व्रत 13 अगस्त को रखा गया था, ये व्रत अधिक मास में पड़ा था. इस बार सावन में कुल 4 प्रदोष व्रत पड़े, जिसमें 2 अधिक मास में पड़े और 2 सावन में.
प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat Shubh Muhurat)
- सावन का आखिरी प्रदोष व्रत 28 अगस्त को रखा जाएगा.
- 28 अगस्त, 2023 सोमवार को शाम 6 बजे से शुरु होकर
- 29 अगस्त, 2023 दोपहर 2:47 तक रहेगा.
- पूजा का शुभ समय शाम 6- रात 9 बजे तक रहेगा.
प्रदोष काल क्या होता है? (What is Pradosh Kaal?)
प्रदोष काल का अर्थ होता है शाम का समय. इस दिन प्रदोष काल में शिव जी की आराधना की जाती है. प्रदोष काल का अर्थ होता है सूर्य अस्त होने से 45 मिनट पहले का समय और सूर्य अस्त होने के 45 मिनट बाद तक रहता है. ऐसी मान्यता है कि प्रदोष काल में शिव जी कैलाश में प्रसन्न नृत्य करते है, और अपने भक्तों की हर इच्छा को पूर्ण करते हैं.
Chandrma: आखिर क्यों दुनियाभर के लिए इतना खास है चंद्रमा, जानें इसका धार्मिक और ज्योतिष महत्व
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.