Sunday, November 24, 2024

Navratri 2023: सात्विक खाना क्या है? कभी सोचा है व्रत के दौरान क्यों खाया…

<p style="text-align: justify;">आयुर्वेद के हिसाह से तीन तरह का खाना होता है जैसे- सात्विक, राजसिक और तामसिक.राजसिक खाना वे होते हैं जो काफी ज्यादा उत्तेजित करते हैं. जबकि तामसिक खाना हमें आलसी और कमजोर बनाते हैं. दूसरी ओर सात्विक भोजन जो अक्सर हम व्रत के दौरान खाते हैं. इसे खाने से हम शुद्ध, शांति, खुशी और मानसिक शांत प्रदान करता है. अगर आपको जिंदगी बेहतर और लंबी चाहिए तो हमेशा सात्विक खाना खाने के लिए कहा जाता है. सात्विक खाना से यहां तात्पर्य है सिंपल और बिना मसाले का खाना. वैसे तो पूरे साल में नवरात्रि 4 बार होती है लेकिन इसे 2 बार मनाया जाता है. एक नवरात्रि गर्मी के शुरू होने से पहले मनाया जाता है. तो वहीं दूसरी नवरात्रि ठंड शरू होने से पहले मनाई जाती है. ऐसे में इसके पीछे एक लॉजिक भी है कि बदलते मौसम में 9 दिन का व्रत रखना. एक तरह से तपस्या की तरह है. जिसमें आप खुद के शरीर को डिटॉक्स करते हैं ताकि आने वाले मौसम के लिए आपका शरीर पूरी तरह से तैयार रहे.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>सात्विक खाना किस तरह बनाया जाता है</strong></p>
<p style="text-align: justify;">सात्विक खाना ताजी सामग्री से बना होता है, इसमें फैट और मसाले कम होते हैं और इसमें साबुत अनाज होता है. ये सभी खाद्य पदार्थ सेहत से जुड़े हुए हैं. पकाने में जिन सामग्रियों का उपयोग किया जाता है, उनके कारण नवरात्रि का भोजन अत्यधिक स्वास्थ्यवर्धक होता है. सात्विक आहार के स्वास्थ्य लाभों को समझने के लिए मैं आपको इन सभी खाद्य पदार्थों के पोषण संबंधी योगदान के बारे में बताता हूं. &nbsp;अनाज आमतौर पर, नवरात्रि के दौरान गेहूं, चावल और उन सभी "सामान्य" खाद्य पदार्थों का त्याग कर देते हैं जिनका हम दैनिक आधार पर उपभोग करते हैं. इसके बजाय हम इसे जौ (जौ), कुट्टू (एक प्रकार का अनाज) और समई (छोटी बाजरा), ऐमारैंथ और यहां तक कि क्विनोआ जैसे पोषक तत्वों से बदल देते हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>ग्लूटेन फ्री</strong></p>
<p style="text-align: justify;">ऐसे हम जो काफी ज्यादा ग्लूटने खाते हैं नवरात्रि के दिनों में इससे राहत मिलती है. ग्लूटेन एक प्रोटीन है जो आमतौर पर गेहूं और गेहूं के उत्पादों में पाया जाता है और इसका हमारे स्वास्थ्य पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है, हालांकि बदलाव का हमेशा स्वागत है, और हमारे पाचन तंत्र को आराम मिलता है. बाजरा बेहतर आंत स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है क्योंकि वे घुलनशील और अघुलनशील दोनों फाइबर के समृद्ध स्रोत हैं. ये हमारी आंत में स्वस्थ बैक्टीरिया बसाने में मदद करते हैं. बाजरा हृदय रोगों के जोखिम कारकों पर सकारात्मक प्रभाव डालता है. वे कोलेस्ट्रॉल और बीपी को कम करने से जुड़े हैं. वे मधुमेह रोगियों में बेहतर शर्करा नियंत्रण से भी जुड़े हुए हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">बाजरा पोटेशियम, फास्फोरस, कैल्शियम और आयरन जैसे खनिजों से भरपूर है. ये सभी हमारे ऊतकों और हमारे शरीर के समग्र स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त मात्रा में आवश्यक हैं. बाजरा बहुत मजबूत एंटीऑक्सीडेंट खाद्य पदार्थ हैं. इनमें फाइटोन्यूट्रिएंट्स, विटामिन और पॉलीफेनोल्स होते हैं जो हमारे शरीर में सफाई एजेंट के रूप में कार्य करते हैं और मुक्त कणों को हटाते हैं. कई लोग 9 दिनों तक फल, नट्स और सिर्फ दूध ही पीते हैं. इसके अलावा वह किसी भी तरह का अनाज नहीं खाते हैं.&nbsp;</p>
<p><strong><em>Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.</em></strong></p>
<p><strong>यह भी पढ़ें: </strong><a title="आप भी खाते हैं रिफाइंड ऑयल तो हो जाए सावधान, यह शरीर को बना देता है बीमार" href="https://www.abplive.com/lifestyle/if-you-also-eat-refined-oil-food-be-careful-it-makes-the-body-sick-2516875" target="_self">आप भी खाते हैं रिफाइंड ऑयल तो हो जाए सावधान, यह शरीर को बना देता है बीमार</a></p>Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular