Narmada Jayanti 2024: सनातन धर्म में गंगा नदी की तरह ही मां नर्मदा को भी बहुत ही पवित्र और पूजनीय माना गया है. भारत में छोटी-बड़ी 200 से अधिक नदियां हैं, जिसमें पांच बड़ी नदियों में नर्मदा भी एक है. वहीं हिंदू धर्म की सात पवित्र नदियों में भी नर्मदा एक है. नर्मदा नदी को लेकर ऐसी मान्यता है कि, नर्मदा के स्पर्श मात्र से ही पाप-दोष मिट जाते हैं.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हर वर्ष माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को नर्मदा जयंती मनाई जाती है. मान्यता है कि इसी तिथि पर मां नर्मदा का जन्म हुआ था. इस वर्ष 2024 में यह तिथि शुक्रवार 16 फरवरी को पड़ रही है. नर्मदा जयंती के दिन नर्मदा नदी में स्नान, दीपदान और पूजा-पाठ करने का महत्व है. इसी के साथ इस पावन दिन पर कुछ विशेष उपायों को करने से समस्त कष्टों से मुक्ति मिलती है, ग्रह-दोष दूर हो जाते हैं और मनोकामना पूरी होती है.
नर्मदा नदी की विशेषताएं (Characteristics of Narmada River)
स्कंद पुराण के रेखाखंड में ऋषि मार्केंडेय द्वारा उल्लेख मिलता है कि, प्राचीन काल में नर्मदा के तट पर ही भगवान नारायण के सभी अवतारों ने आकर मां की स्तुति की.
पुराणों के अनुसार नर्मदा नदी की परिक्रमा सिद्ध, नाग, यक्ष, गंधर्व, किन्नर और मानव सभी करते हैं.
शास्त्रों के अनुसार गंगा नदी में स्नान करने से एक दिन में फल मिलता है, सरस्वती नदी में स्नान करने से तीन दिन में फल मिलता है. वहीं नर्मदा नदी के केवल दर्शन या स्पर्श मात्र से ही शुफ फलों की प्राप्ति होती है और सारे पाप मिट जाते हैं
नर्मदा जयंती 2024 उपाय (Narmada Jayanti 2024 Upay)
खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए: दांपत्य जीवन में यदि किसी प्रकार की समस्या चल रही हो या विवाह में देरी हो रही हो तो जातक को नर्मदा नदी में जरूर स्नान करना चाहिए. स्नान करने के बाद गीले वस्त्र में ही शिव-पार्वती का पूजन करें और माता पार्वती को लगा सिंदूर स्त्री या पुरुष को अपने मस्तक पर लगाना चाहिए. इसे उपाय को करने के शिव-पार्वती की आशीर्वाद प्राप्त होता है और विवाह से जुड़ी सभी तरह की परेशानियां दूर हो जाती हैं.
कालसर्प दोष दूर करने के लिए: यदि किसी जातक की कुंडली में कालसर्प दोष हो तो इसकी मुक्ति के लिए नर्मदा जयंती के दिन चांदी के बने नाग-नागिन का जोड़ा नर्मदा नदी में प्रवाहित कर दें. इस उपाय को करने से कुंडली से कालसर्प दोष दूर हो जाता है.
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