Kaal Bhairav Jayanti 2023 Kab Hai: मार्गशीर्ष माह 28 नवंबर 2023 से शुरू हो रहा है. इस माह में शिव ने अपना रौद्र अवतार लिया था, जिन्हें काल भैरव के नाम से जाना जाता है. मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को काल भैरव जयंती मनाई जाती है. हिंदू धर्म में काल भैरव की पूजा बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है.
इनकी कृपा से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता, शत्रु और बुरी शक्तियों का नाश होता है, इसलिए हर महीने कालाष्टमी पर भैरव बाबा की उपासना की जाती है. आइए जानते हैं साल 2023 में काल भैरव जयंती की डेट, मुहूर्त और महत्व.
काल भैरव जयंती 2023 डेट (Kaal Bhairav Jayanti 2023 Date)
काल भैरव जयंती 5 दिसंबर 2023, मंगलवार को है. भैरव के दो स्वरूप हैं एक बटुक भैरव, जो शिव के बालरूप माने जाते हैं. यह सौम्य रूप में प्रसिद्ध है. वहीं दूसरे हैं काल भैरव जिन्हें दंडनायक माना गया है.
काल भैरव जयंती 2023 मुहूर्त (Kaal Bhairav Jayanti 2023 Muhurat)
पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह के कृष्ण की अष्टमी तिथि 4 दिसंबर 2023 को रात 09 बजकर 59 मिनट पर शुरू होगी और इस तिथि का समापन 6 दिसंबर 2023 को प्रात: 12 बजकर 37 मिनट पर होगी. काल भैरव की पूजा रात्रि काल में उत्तम मानी गई है लेकिन गृहस्थ जीवन वाले बाबा भैरव की सामान्य पूजा करें.
- गृहस्थ जीवन वालों के लिए पूजा का समय – सुबह 10.53 – दोपहर 01.29
- निशिता काल मुहूर्त – 5 दिसंबर, रात 11.44 – देर रात 12.39, 6 दिसंबर
काल भैरव जयंती महत्व (Kaal Bhairav Jayanti Significance)
भगवान काल भैरव भगवान शिव की भयावह अभिव्यक्ति हैं. अनिष्ट करने वालों को काल भैरव का प्रकोप झेलना पड़ता लेकिन जिस पर वह प्रसन्न हो जाए उसके कभी नकारात्मक शक्तियों, ऊपरी बाधा और भूत-प्रेत जैसी समस्याएं परेशान नहीं करती. काल भैरव को काशी का कोतवाल कहा जाता है, इनकी पूजा के बिना भगवान विश्वनाथ की आराधना अधूरी मानी जाती है. कहा जाता है कि जो भी भगवान भैरव के भक्तों का अहित करता है उसे तीनो लोक में कहीं भी शरण प्राप्त नहीं होती है.
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