भारतीय महिला हॉकी टीम
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भारतीय महिला हॉकी टीम ने सेमीफाइनल हारने के दो दिन बाद ही जबर्दस्त जुझारूपन के साथ वापसी करते हुए जापान को 2-1 से हराकर एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीत लिया। हूटर के साथ ही मैदान पर अपने आंसुओं पर काबू नहीं रख सकीं कोच यानेके शॉपमैन और उल्लास में उछलती खिलाड़ियों को देखकर जाहिर हो गया कि इस कांस्य के टीम के लिए क्या मायने हैं।
सेमीफाइनल में चीन से 0-4 से हारने के साथ पेरिस ओलंपिक के लिए सीधे क्वालिफाई करने की भारत की उम्मीदें ध्वस्त हो गई थी। इसके बावजूद टीम ने जापान की चुनौती का डटकर सामना करते हुए कांस्य पदक का मुकाबला जीता।
फाइनल में हारे दीपक, कुश्ती में मिला रजत
दीपक पूनिया की 86 किग्रा भारवर्ग के फाइनल में ईरान के अपने आदर्श खिलाड़ी हसन यजदानी के सामने एक नहीं चली जिससे भारतीय पहलवानों ने एशियाई खेलों की कुश्ती प्रतियोगिताओं में शनिवार को यहां छह पदकों के साथ अपने अभियान का अंत किया। यह दूसरा अवसर था जबकि दीपक का सामना अपने बचपन के आदर्श खिलाड़ी तथा दो बार के ओलंपिक पदक विजेता और आठ बार के विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेता यजदानी से था।
दीपक पूनिया
दीपक ने एशियाई खेलों में अपने पदार्पण पर ही फाइनल में जगह बनाई थी लेकिन ईरान के पहलवान के सामने वह कुछ खास नहीं कर पाए और उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा। 24 वर्षीय दीपक ईरान के पहलवान के खिलाफ एक भी अंक नहीं बना पाए। यजदानी ने पहले पीरियड में ही आठ अंक बना दिए थे और उन्होंने दूसरे पीरियड के शुरू में ही भारतीय खिलाड़ी पर तकनीकी दक्षता के आधार पर जीत दर्ज की।
इस बीच यश तुनीर (74 किग्रा), विक्की (97 किग्रा) और सुमित मलिक (125 किग्रा) पदक दौर तक पहुंचे बिना खेलों से बाहर हो गए। भारत ने इस तरह से कुश्ती में कुल छह पदक जीते लेकिन इनमें एक भी स्वर्ण पदक शामिल नहीं है। भारत को बजरंग पूनिया से सबसे बड़ी निराशा मिली,जो पदक नहीं जीत पाए।