नीरज चोपड़ा और किशोर जेना
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एशियाई खेलों के 11वें दिन एथलेटिक्स में भारतीय खिलाड़ियों ने कमाल कर दिया। अलग-अलग स्पर्धाओं में भारत ने बुधवार को एथलेटिक्स में दो स्वर्ण, चार रजत, एक कांस्य जीता। इस बार ट्रैक एंड फील्ड में कुल पदकों की संख्या 29 पहुंच गई। नीरज चोपड़ा और चार गुणा चार सौ मीटर रिले टीम ने स्वर्ण अपने नाम किया। अविनाश साबले ने 5000 मीटर में, हरमिलन बेंस ने 800 मीटर में रजत जीता। रामबाबू, मंजूरानी ने 35 किलोमीटर पदचाल मिश्रित स्पर्धा में कांस्य जीता।
एशियाई खेलों में अपनी बादशाहत कायम रखी है। जकार्ता की सफलता को उन्होंने बुधवार को हांगझोऊ में भी दोहरा दिया। नाटकीय घटनाक्रम के बीच नीरज ने 88.88 मीटर भाला फेंककर सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। दोहरी खुशी की बात यह रही कि उड़ीसा के किशोर जेना ने 87.54 मीटर भाला फेंककर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए न सिर्फ रजत पदक जीता बल्कि पेरिस ओलंपिक का टिकट भी हासिल कर लिया।
नीरज की पहली थ्रो रिकॉर्ड नहीं की गई
नीरज की पहली थ्रो के साथ ही नाटकीय घटनाक्रम घटा। उनकी पहली थ्रो बेहद शानदार रही, लेकिन यह दूरी नापे नहीं जाने के चलते रिकॉर्ड नहीं हुई, जिसके चलते 20 मिनट इवेंट रुकी रही। नीरज कई बार ऑफिशियल्स के पास गए। अंत में इस थ्रो को नहीं माना गया और नीरज को पहली थ्रो फिर से लगानी पड़ी। नीरज ने बाद में कहा भी कि उनकी पहली थ्रो बेहद अच्छी रही थी, लेकिन इसे माना नहीं गया। इससे शुरुआत में काफी फर्क पड़ा। उनकी आधिकारिक पहली थ्रो 82.38 मीटर की आई। दूसरी थ्रो उन्होंने 84.49 मीटर फेंकी और बढ़त पर आ गए।
जेना ने तीसरी थ्रो में नीरज को पीछे छोड़ा
यहां से मुकाबले में नया मोड़ आ गया। 81.26 की पहली थ्रो लगाने वाले किशोर जेना ने 86.77 मीटर भाला फेंक अपना सर्वश्रेष्ठ कर दिया और नीरज को भी पीछे छोड़ दिया। नीरज ने उन्हें बधाई भी दी, लेकिन नीरज ने अपनी अगली थ्रो ही 88.88 मीटर फेंक कर वापस बढ़त हासिल कर ली, लेकिन जेना हार नहीं मानने वाले थे। उन्होंने चौथी थ्रो अपनी करियर की सर्वश्रेष्ठ 87.54 मीटर लगा दी, लेकिन वह नीरज से पीछे रहे। नीरज और जेना की पांचवीं, छठी थ्रो खास नहीं रहीं। जापान के डीन गेंकी (82.68 मीटर) तीसरे स्थान पर रहे, जबकि पाकिस्तान के अरशद नदीम चोट के चलते इस इवेंट में नहीं उतरे।
फिर छाई पुरुष रिले चौकड़ी
विश्व चैंपियनशिप में एशियाई रिकॉर्ड के साथ पांचवें स्थान पर रहने वाली पुरुषों की चार गुणा चार सौ मीटर रिले टीम ने देश को 1962 के एशियाई खेलों के बाद इस स्पर्धा का स्वर्ण दिलाया। मोहम्मद अनस, अमोज जैकब, मुहम्मद अजमल और राजेश रमेश की चौकड़ी ने 3.01.58 मिनट का समय लेकर कतर (3.02.05) को पीछे छोड़ा। श्रीलंका तीसरे स्थान पर रहा। अनस ने पहले दौड़ते हुए जब अमोज के बेटन थमाई तब वें पांचवें स्थान पर थे। जैकब ने यह फासला घटाया और अजमल को पहले स्थान पर रहकर बेटन दी। राजेश ने इस बढ़त को अंत तक कायम रखा।
महिलाओं में विद्या रामराज, ऐश्वर्य मिश्रा, प्राची, शुभा वेंकटेशन की चौकड़ी ने इस स्पर्धा में 3.27.85 मिनट के साथ रजत जीता। बहरीन (3.27.65) दूसरे स्थान पर रहा। भारतीय टीम शुरू से दूसरे स्थान पर रही।
मां 2002 में 800 मीटर का रजत जीतीं, 21 साल बाद बेटी ने इसे दोहराया
यूपी की एथलीट माधुरी सक्सेना ने 2002 के बुसान एशियाई खेलों में रजत पदक जीता। 21 साल बाद उनकी बेटी हरमिलन बेंस ने इस उपलब्धि को दोहरा दिया। इससे पहले 1500 मीटर में रजत जीत चुकीं हरमिलन ने बुधवार को 800 मीटर में 2.03.75 मिनट के साथ रजत जीता। वह श्रीलंका की तारुषि दिसानायके (2.03.20) से पीछे रहीं।
वहीं, 3000 मीटर स्टीपलचेज में स्वर्ण जीतने वाले अविनाश साबले ने 5000 मीटर में 13.21.09 मिनट का समय निकाल रजत जीता। बहरीन के बिरहानू येमाता (13.17.40) के साथ गेम्स रिकॉर्ड बनाकर स्वर्ण जीता। 35 किलोमीटर पदचाल में यूपी के रामबाबू (2.42.11), मंजू रानी (3.09.03 घंटा) ने कांस्य पदक जीता। चीन को स्वर्ण और जापान को रजत मिला।