कोनेरू हंपी और हरिका
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
भारत की पुरुष और महिला शतरंज टीमों ने शनिवार को वहां एशियाई खेलों में रजत पदक जीते। टीम ने अपने अंतिम दौर के मुकाबले में दक्षिण कोरिया को 4-0 से हराया। ग्रैंडमास्टर हरिका द्रोणावल्ली, अंतरराष्ट्रीय मास्टर वैशाली रमेशबाबू, अंतरराष्ट्रीय मास्टर वंतिका अग्रवाल और महिला ग्रैंडमास्टर सविता श्री बस्कर ने अपनी अपनी बाजियां आसानी से जीती।
भारतीय महिला टीम ने इस तरह से 15 अंकों के साथ अपने अभियान का अंत किया। शीर्ष वरीयता प्राप्त चीन ने 17 अंकों के साथ स्वर्ण पदक जीता। भारतीय पुरुष टीम ने फिलीपीन के खिलाफ 3.5-0.5 की जीत के साथ अपना अभियान समाप्त किया। शीर्ष वरीयता प्राप्त अर्जुन एरिगैसी, विदित गुजराती और हरिकृष्ण पेंटाला ने अपनी-अपनी बाजियां जीती जबकि आर प्रज्ञाननंदा ने अपनी बाजी ड्रॉ कराई। भारत स्वर्ण पदक विजेता ईरान के बाद दूसरे स्थान पर रहा।
अभिषेक वर्मा को रजत और 17 वर्षीय अदिति को मिला कांस्य
कंपाउंड तीरंदाज ओजस देवताले और ज्योति सुरेखा ने शनिवार को एशियाड में स्वर्ण पदकों की हैट्रिक लगा दी। ओजस ने एकल के फाइनल में अपने सीनियर अभिषेक वर्मा को १४९-१४७ से पराजित किया, जबकि ज्योति ने महिलाओं के फाइनल में कोरिया की सो चेईवान को 149-145 से पराजित किया। विश्व चैंपियन अदिति स्वामी ने रातिह जिलीजाती को 146-140 से हराकर महिला एकल का कांस्य जीता।
तीरंदाजों ने इस एशियाड में 5 स्वर्ण, दो रजत और दो कांस्य समेत कुल नौ पदक जीते। यह भारत का एशियाई खेलों में यह तीरंदाजी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इंचियोन एशियाड में व्यक्तिगत रजत जीतने वाले अभिषेक दूसरे सेट में 8 पर निशाना लगा दिया, जो उन्हें भारी पड़ गया। ओजस इस पूरे टूर्नामेंट में जबरदस्त फॉर्म में रहे हैं, जिसके बलबूते उन्होंने अपने आदर्श को हराकर स्वर्ण जीता।
ज्योति को अब तक विश्वास नहीं हो रहा है कि उन्होंने एक एशियाड में तीन स्वर्ण जीत लिए हैं। ज्योति और ओजस ने इससे पहले टीम और मिश्रित स्पर्धा के स्वर्ण भी जीते थे। इन दोनों ने इस एशियाड में देश के लिए सर्वाधिक तीन स्वर्ण पदक जीते।