Saturday, November 16, 2024

Asian Games: तीरंदाज ज्योति-ओजस ने मिश्रित स्पर्धा में पहली बार दिलाया सोना,…


ओजस और ज्योति
– फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार


अनुभवी तीरंदाज ज्योति सुरेखा का आखिरकार एशियाड स्वर्ण पदक जीतने का सपना पूरा हो गया। अपना तीसरा एशियाड खेल रहीं ज्योति ने महाराष्ट्र के ओजस देवताले के साथ मिलकर कंपाउंड मिश्रित स्पर्धा में देश को पहला स्वर्ण पदक दिलाया। ज्योति और ओजस ने फाइनल में कोरियाई जोड़ी सो चेईवान और जू जेईहून को 159-158 से पराजित किया। भारतीय जोड़ी का फाइनल में इस कदर दबदबा रहा कि उन्होंने इस दौरान सिर्फ एक अंक गंवाया।

फाइनल तक गंवाए सिर्फ चार अंक

दोनों तीरंदाजों को आठ-आठ तीर पर निशाना लगाना था। ज्योति के सभी आठ तीर परफेक्ट-10 पर लगे, जबकि ओजस का आठ में से एक तीर नौ पर गया। इस शानदार प्रदर्शन के आगे कोरियाई जोड़ी टिक नहीं पाई। इससे पहले ज्योति और ओजस ने 140 मिनट के अंतराल में क्वार्टर फाइनल, सेमीफाइनल मुकाबले खेले। दोनों ने फाइनल तक सिर्फ चार अंक गंवाएं। सेमीफाइनल में दोनों ने कजाखस्तान पर 159-154 और क्वार्टर फाइनल में मलयेशिया पर 158-155 से जीत दर्ज की।

इंचियोन में जीता था स्वर्ण

तीरंदाजी में एशियाई खेलों में आज तक भारत ने सिर्फ एक स्वर्ण पदक इंचियोन एशियाई खेलों में जीता था। यह स्वर्ण पुरुष टीम ने कंपाउंड वर्ग में दिलाया था। यह तीरंदाजी में एशियाड में भारत का दूसरा स्वर्ण है। कंपाउंड तीरंदाज अभी और पदक जीतने की राह पर हैं। अभिषेक वर्मा और ओजस देवताले एकल के फाइनल में खेलेंगे। ज्योति भी एकल के फाइनल में हैं। बृहस्पतिवार को टीम मुकाबले खेले जाएंगे।

पांच साल में तैराकी शुरू की थी ज्योति ने

पांच साल की उम्र में कृष्णा नदी में तैराकी शुरू करने वाली ज्योति तीन बार इस नदी को पार कर अपना नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉड्र्स में दर्ज करा चुकी हैं, लेकिन विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश) में तैराकी में सुविधाएं नहीं मिलने के चलते कबड्डी खिलाड़ी उनके पिता ने उन्हें तीरंदाजी शुरू कराई। वह इंचियोन और जकार्ता एशियाई खेलों में भाग ले चुकी हैं।

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