एचएस प्रणय
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एशियाई खेल 2023 में एचएस प्रणय ने ऐतिहासिक पदक अपने नाम किया है। उन्होंने 41 साल बाद भारत के लिए एशियाई खेलों में पुरुष एकल का पदक जीता है। क्वार्टर फाइनल में वह चोटिल हो गए थे। इसके बावजूद अपना मैच जीतने में सफल रहे और सेमीफाइनल मैच में भी खेलने उतरे। हालांकि, वह लय में नहीं थे और चीन के ली शी फेंग के खिलाफ सीधे गेम में हार गए।
शुरूआती गेम पिछड़ने के बाद दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी ने प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करते हुए 21-16 से जीत हासिल की। दूसरा गेम भी 21-9 से जीता और केवल 45 मिनट में मैच अपने नाम कर लिया। इससे भारतीय के लिए स्वर्ण पदक की दावेदारी की सारी उम्मीदें खत्म हो गईं। हार का मतलब यह था कि प्रणय को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा, लेकिन स्टार शटलर के लिए यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी। उन्होंने एशियाई खेलों में पुरुष एकल बैडमिंटन में खेलों में भारत को दूसरा पदक दिलाया और भारत के 41 साल लंबे इंतजार को समाप्त कर दिया। इससे पहले एशियाई खेलों के 1982 संस्करण में सैयद मोदी तीसरे स्थान पर रहे थे और कांस्य पदक जीता था।
एशियाड के 19वें संस्करण में इस खेल में यह भारत का तीसरा पदक है। इससे पहले गुरुवार को, सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी पुरुष युगल के अंतिम चार में पहुंचकर पदक पक्का किया। ये दोनों 1982 में लेरॉय डिसा और प्रदीप गंधे के कांस्य पदक जीतने के बाद पदक हासिल करने वाली दूसरी भारतीय जोड़ी बन गई।
विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता अभी भी चोट से उबर रहे हैं और अपना 100 प्रतिशत प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं, जैसा कि उन्होंने गुरुवार को मलेशिया के ली जी जिया के खिलाफ 21-16 21-23 22-20 से अपनी अविश्वसनीय क्वार्टरफाइनल जीत के बाद खुलासा किया।
31 वर्षीय खिलाड़ी ने सेमीफाइनल मुकाबले में अच्छी शुरुआत की, लेकिन अपनी लय बरकरार नहीं रख सके। ली ने गति बढ़ाने का प्रयास किया और स्कोर 5-5 से बराबर कर लिया। प्रणॉय ने जल्द ही एक स्मैश के साथ 8-5 की बढ़त हासिल कर ली और फिर फोरहैंड रिटर्न के साथ स्कोर 9-7 कर दिया। हालांकि, अपनी गलतियों के कारण उन्होंने फेंग को वापसी का मौका दे दिया। अंत में उन्होंने 21-16 से मैच अपने नाम किया।
दूसरे गेम में फेंग और बेहतर लय में दिखे और प्रणय ने ज्यादा गलतियां कीं। चीनी खिलाड़ी ने 19-9 की बढ़त बना ली और फिर आसानी से जीत हासिल कर ली।