ज्योति सुरेखा, अदिति स्वामी और परणीत कौर
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विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप में भारतीय बेटियों ने इतिहास रच दिया। ज्योति सुरेखा, अदिति स्वामी और परणीत कौर की टीम ने शुक्रवार को फाइनल में मैक्सिको को 235-229 से हराकर पहली बार कंपाउंड तीरंदाजी में विश्व विजेता बनने का गौरव हासिल किया।
सेमीफाइनल में भारतीय टीम ने कोलंबिया को 220-216 से पराजित किया, जबकि क्वार्टर फाइनल में चीनी ताईपे पर कड़े संघर्ष में 228-226 से जीत हासिल की। टीम ही नहीं बल्कि व्यक्तिगत मुकाबलों में भी इन तीनों तीरंदाजों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए शीर्ष आठ में जगह बनाते हुए क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया है। ये तीनों तीरंदाज हांगझू एशियाई खेलों की टीम में भी शामिल हैं। हालांकि कंपाउंड पुरुष और मिश्रित टीम तीरंदाजों ने निराश किया। दोनों ही टीमें क्वार्टर फाइनल में हारकर बाहर हो गईं। ओजस देवताले और ज्योति की मिश्रित टीम को क्वार्टर फाइनल में अमेरिका ने 154-153 से हराया, जबकि अभिषेक वर्मा, ओजस, प्रथमेश जावकर की पुरुष टीम को क्वार्टर फाइनल में 230-235 से हार मिली।
रीकर्व तीरंदाज ओलंपिक क्वालिफिकेशन से चूके
ओलंपिक में शामिल रीकर्व तीरंदाजी में भारतीय टीम का प्रदर्शन खराब रहा। पुरुष और महिला टीम को क्वार्टर फाइनल में ही हार का सामना करना पड़ा। टोक्यो ओलंपिक से पहले भारतीय पुरुष टीम ने विश्व चैंपियनशिप में ही ओलंपिक टिकट हासिल कर लिया था।
परणीत की प्रेरणा बनी मिल्खा की जीवनी
पहली बार विश्व चैंपियन बनने वाली कंपाउंड महिला टीम में शामिल परणीत कौर पटियाला की हैं। अध्यापक पिता अवतार सिंह अपनी बेटी परणीत को 2015 में एनआईएस पटियाला लेकर गए। उन्होंने परणीत को तलवारबाजी और तीरंदाजी को दिखाया और कहा कि उन्हें इन दोनों में से कोई एक खेल चुनना है।
परणीत ने तीरंदाजी को चुना। वह पंजाबी यूनिवर्सिटी में कोच सुरेंदर कुमार के पास गईं। सुरेंदर की पत्नी गगनदीप कौर 2010 के दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता हैं। उन्हें देखकर परणीत ने रीकर्व की जगह कंपाउंड तीरंदाजी को अपना लिया। अवतार बताते हैं कि परणीत को अंग्रेजी साहित्य और ऑटोबायोग्राफी पढऩे का शौक है। मिल्खा सिंह की जीवनी द रेस ऑफ माई लाइफ परणीत ने कई बार पढ़ी है और इसी से उन्होंने प्रेरणा ली है। हॉकी खिलाड़ी जुगराज सिंह की जीवनी से भी परणीत ने प्रेरणा ली है।