बजरंग पूनिया
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पहलवानों ने एशियाई खेलों में शुक्रवार को भारत को तीन और पदक दिला दिए। युवा भारतीय पहलवान सोनम मलिक (62 भारवर्ग) और किरण बिश्नोई (76 भारवर्ग) और अमन सहरावत (57 भारवर्ग) ने कांस्य पदक अपने नाम किए। हालांकि, पिछले बार के चैंपियन बजरंग पूनिया (पुरुष 65 किग्रा) को रेपचेज मुकाबले में हार के बाद खाली हाथ लौटना पड़ा।
इस तरह भारत के इन खेलों में इस बार पांच पदक हो गए। इससे पहले सुनील कुमार (ग्रीको रोमन) और अंतिम पंघाल (महिला 53 किग्रा) ने कांस्य पदक दिलाए थे। महिलाओं की 62 किग्रा स्पर्धा में चीन की जिया लोंग की कड़ी चुनौती को पछाड़कर कांस्य पदक हासिल किया।
मुकाबले के दौरान लोंग भारतीय पहलवान पर दबदबा बनाने में सफल रही थी। दोनों पहलवानों एक समय 4-4 की बराबरी पर थे। सोनम ने आखिरी 25 सेकंड में लोंग को ‘टेक-डाउन’ कर 7-5 की शानदार जीत दर्ज की। उसके बाद किरण ने मंगोलिया की अरजनजारगा गनबात को अंकों से हराकर कांस्य जीता। अमन सहरावत ने चीन के मिंगु लियू को तकनीकी दक्षता के आधार पर हराया।
जापान के यामागुची ने किया पूनिया को बजरंग से वंचित
एक साल के बाद प्रतिस्पर्धी कुश्ती में वापसी कर रहे बजरंग को कांस्य के प्लेऑफ मुकाबले में जापान के कैकी यामागुची के हाथों हार का सामना करना पड़ा। इससे पहले पूनिया को ईरान के रहमान अमोजादखलीली के खिलाफ 1-8 से शिकस्त झेलनी पड़ी।
इस साल अधिकांश समय भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना प्रदर्शन में बिताने वाले बजरंग पूरी तरह से तैयार नहीं दिखे। उन्होंने दो आसान जीत के साथ शुरुआत की लेकिन ईरान के खिलाड़ी का उनके पास कोई जवाब नहीं था।