Trauma : ट्रामा लंबे समय तक किसी को परेशान कर सकता है. इसकी वजह से फिजिकल, मेंटल ही नहीं स्पिरिचुअल हेल्थ भी डिसबैलेंस हो सकती है. ट्रामा (Trauma) में पूरी दिनचर्या प्रभावित हो सकती है. इसकी एक नहीं बल्कि कई वजह हो सकती है. इससे बाहर निकल पाना थोड़ा मुश्किल होता है. ट्रामा से बचने के लिए थेरेपी और हीलिंग की मदद ली जाती है. हालांकि, ये अलग-अलग होती हैं. इसलिए ये जान लेना जरूरी होता है कि ट्रामा से बाहर निकालने में कौन सी थेरेपी मदद कर सकती है. आइए जानते हैं…
ट्रामा कितने तरह का होता है
1. सिंगल इंसिडेंट ट्रामा
एक्सीडेंट, कोई हमला या प्राकृतिक आपदा की वजह से जो ट्रामा होता है, उसे सिंगल इंसिडेंट ट्रामा कहते हैं. चूंकि यह किसी एक घटना की वजह से परेशान करता है, इसलिए इसके ट्रीटमेंट के दौरान थेरेपी या हीलिंग का पूरा फोकस उसी घटना या उससे जुड़े इमोशंस पर होता है.
2. कॉम्प्लेक्स ट्रामा
अगर लंबे समय तक किसी चीज को लेकर ट्रामा है तो वो कॉम्प्लेक्स ट्रामा हो सकता है. बचपन में बुरा बर्ताव और घरेलू हिंसा जैसी घटनाओं से जुड़े ट्रामा इसमें आते हैं. ऐसी कंडीशन में जो थेरेपी या हीलिंग होती है, उससे ट्रामा को खत्म करने की कोशिश की जाती है.
3. डेवलपमेंट ट्रामा
किसी से उपेक्षा यानी इग्नोरेंस, बचपन का कोई वाकया या लगाव से उत्पन्न होने वाला ट्रामा को डेवलपमेंट ट्रामा कहा जाता है. इसमें थेरेपी या हीलिंक से खुद के अनुभव और भावनाओं को जानने की कोशिश की जाती है.
ट्रामा थेरेपी में क्या होता है
योग और ध्यान
जब भी किसी चीज का ट्रामा हो तो ध्यान और योग पर फोकस करना चाहिए. इससे मन शांत होता है और दिमाग बेहतर तरीके से काम करता है. तनाव कम कर आपको रिलैक्स फील कराने में योगा और मेडिटेशन अहम भूमिका निभा सकते हैं.
आर्ट थेरेपी
ट्रामा में आर्ट थेरेपी काफी कारगर मानी जाती है. इस विधि से इलाज करने में म्यूजिक, डांस की मदद ली जाती है. इसकी मदद से धीरे-धीरे आपका ट्रामा दूर हो सकता है और आप अच्छा फील कर सकते हैं.
एनर्जी
इस थेरेपी के जरिए भी ट्रामा को खत्म करने की कोशिश की जाती है. इसमें रेकी या कलर थेरेपी, एंजेल हीलिंग या चक्र बैलेंस से शरीर में ऊर्जा बढ़ाई जाती है. इसकी मदद से इंसान धीरे-धीरे ट्रामा से बाहर आ सकता है.
ट्रामा हीलिंग में क्या होता है
माइंडफुल ब्रीदिंग
ट्रामा को कम करने के लिए माइंडफुल ब्रीदिंग का अभ्यास इसमें आता है. इससे नर्वस सिस्टम को रेगुलेट कर मन और दिमाग को रिलैक्स पहुंचाने का काम किया जाता है. जिससे ट्रामा खत्म होने लगता है.
ग्राउंडिंग एक्सरसाइज
ट्रामा से बाहर आने में ग्राउंडिंग एक्सरसाइज भी काफी मददगार हो सकते हैं. इसमें ग्राउंडिंग चीजों को देखने और समझने की कोशिश करें. इसकी लगातार प्रैक्टिस से आप ट्रामा से अच्छी तरह निपट सकते हैं.
नेचर थेरेपी
इस थेरेपी में ट्रामा से बाहर आने के लिए आपको अपना ज्यादा समय प्रकृति के साथ बिताना होता है. इससे आप खुद को प्रकृति के करीब पाते हैं, उससे लगाव बढ़ता जाता है और आपका मन अच्छा महसूस करता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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