Zulekha Daud
– फोटो : Amarujala
Success Story of Zulekha Daud: “शिक्षा सरोवर का रस पीने वाला है सर्वोत्तम, इसको ग्रहण करने वाला बन जाता है उत्तम” ये कविता तो आप सभी ने सुनी होगी। इंसान की परिस्थितियां चाहे कैसी भी हों, लेकिन उसे हमेशा सही शिक्षा को ग्रहण करना चाहिए। लेकिन यह तभी संभव है जब हमारी इच्छाशक्ति और मेहनत दोनों ही मजबूत हो। जीवन में कामयाब होने से पहले हमारे हौसलों का बुलंद होना बेहद जरूरी है। अक्सर लोग आर्थिक स्थिति सही न होने के कारण अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़ देते हैं। लेकिन ऐसी परिस्थिति में भी कोई सफल हो जाए, तो वह समाज के लिए प्रेरणा बन जाता है। ऐसी ही कहानी है डॉ जुलेखा दाऊद की, जिन्होंने परिवार की गरीबी और संघर्ष के बीच देश से निकलकर परदेश में नाम कमाया। परिस्थितियों के विपरीत काम करना अपने में ही बड़ी उपलब्धि है। इसी कड़ी में आइए डॉ जुलेखा दाऊद के बारे में विस्तार से जान लेते हैं।