Monday, June 5, 2023

Women's World Boxing Championships: निकहत, नीतू, लवलीना और स्वीटी फाइनल…


लवलीना, निकहत और नीतू घणघस
– फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार

महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भारतीय मुक्केबाजों का शानदार प्रदर्शन जारी है। निकहत जरीन, नीतू घणघस, लवलीना बोरगोनहेन और स्वीटी बोहरा ने फाइनल में जगह बना ली है। 50 किलोग्राम भारवर्ग में निकहत जरीन ने सेमीफाइनल मैच में कोलंबिया की इनग्रिड वैलेंसिया को हराया। वहीं, नीतू घणघस ने कजाखस्तान की अलुआ बल्किबेकोवा को मात दी। लवलीना ने 75 किग्रा भारवर्ग के सेमीफाइनल में चीन की ली कुआन को मात दी। स्वीटी ने 81 किलोग्राम भारवर्ग के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया की एमा ग्रीनटी को पराजित किया। निकहत जरीन लगातार दूसरी बार विश्व चैंपियन बनने से एक कदम दूर हैं। स्वीटी ने नौ साल बाद फाइनल में जगह बनाई, जबकि टोक्यो ओलंपिक में कांस्य जीतने वाली लवलीना और दो बार की यूथ विश्व चैंपियन नीतू ने पहली बार फाइनल में प्रवेश किया है।

इस प्रतियोगिता में कम से कम चार भारतीय मुक्केबाजों ने अपने पदक पक्के कर लिए हैं। निकहत, लवलीना नीतू और स्वीटी ने फाइनल में जगह बनाकर कम से कम रजत पदक पक्का किया है। नीतू घणघस 48 किग्रा भारवर्ग, निकहत जरीन 50 किग्रा भारवर्ग, लवलीना बोरगोनहेन 75 किग्रा और स्वीटी बूरा 81 किग्रा भारवर्ग में भाग ले रही हैं।

पहली बार निकहत खेलते देखने आई हैं मां

निकहत के लिए यह चैंपियनशिप खास बन गई है। उन्होंने बताया कि उनकी मां पहली बार किसी चैंपियनशिप में उन्हें पहली आंखों के सामने खेलने देखने आई हैं। निकहत कहती हैं कि पहले तो मां रिंग में उतरने की बात पर ही परेशान हो जाती थीं, लेकिन पिछली विश्व चैंपियनशिप के स्वर्ण के बाद वह थोड़ा मजबूत हुई हैं। यही कारण है कि वह इस चैंपियनशिप में उन्हें खुद खेलते देखने आई हैं। मार पड़ती है तो मां थोड़ा परेशान होती हैं, लेकिन अब वह समझ गई हैं। निकहत कहती हैं कि वह चाहती हैं कि यहां स्वर्ण जीतकर एक बार फिर इसे अपनी मां के गले में डालें। 

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चार साल पहले की रणनीति अपनाई

निकहत कहती हैं कि यह उनका टूर्नामेंट में अब तक सर्वश्रेष्ठ बाउट था। इंगरित को वह 2019 में बिग बाउट में हरा चुकी हैं। उन्होंने उसके खिलाफ अपना चार साल पहले की रणनीति यहां अपनाई जो एक बार फिर काम कर गई। यह चैंपियनशिप उनकेलिए एशियाई खेलों की तैयारियों का बड़ा हिस्सा है। निकहत फाइनल में एशियाई चैंपियन न्यून थी ताम से खेलेंगी।

हर हाल में अलुआ को हराने की ठान कर आईं नीतू

सेमीफाइनल में उतरने से पहले नीतू के दिमाग में बीते वर्ष इस्तांबुल (तुर्किए) में हुई विश्व चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल रह-रहकर घूम रहा था। उन्हें याद आ रहा था कि बुखार में तपने के बावजूद वह इसी कजाखस्तान के अलुआ बालकिबेकोवा से बेहद नजदीकी मुकाबले में हार गई थीं। वरना विश्व चैंपियनशिप का पदक उसी वक्त उनके हाथ में होता। नीतू को कोचेज ने उस दौरान खेलने से भी मना किया था, लेकिन वह खेलीं और जीत के कगार पर पहुंचकर हार गईं। नीतू यहां ठान कर आई थीं, उन्हें यह मुकाबला हर हाल में जीतना है। प्रशिक्षकों की रणनीति के अनुसार उन्होंने फैसला लिया कि बालकिबेकोवा से वह दूर होकर नहीं खेलेंगी। उसके नजदीक जाकर हमले करेंगीं। नीतू कहती हैं कि बालकिबेकोवा दूर से खेलने में माहिर हैं। वह भी दूर से खेलती हैं, लेकिन आज उन्होंने ऐसा नहीं किया, जिसका फायदा उन्हें मिला। नीतू फाइनल में मंगोलिया की लुतसाइखान से भिड़ेंगी।

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लवलीना को कियान ने दी कड़ी टक्कर

लवलीना को ली कियान के खिलाफ काफी संघर्ष करना पड़ा। वह पहला दौर 2-3 से हारीं, लेकिन बाद के दोनों दौर में उन्होंने वापसी कर मुकाबला जीता। लवलीना का यह तीसरा विश्व चैंपियनशिप का पदक होगा। लवलीना कहती हैं कि ओलंपिक में कांस्य और विश्व चैंपियनशिप में दो कांस्य जीतने के बाद वह सोचना लगीं थीं कि कहीं उन्हें कोई मनौवैज्ञानिक समस्या तो नहीं है, लेकिन नए भार वर्ग में आने के बाद अब पदक का रंग भी बदलने जा रहा है। स्वीटी ने पहले दो दौर जीते, लेकिन तीसरे दौर में ग्रीनट्री ने जबरदस्त वापसी की और बाउट की समीक्षा हुई जिसमें 4-3 से स्वीटी जीतीं।

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ये खिलाड़ी हो चुकी हैं बाहर

भारत की साक्षी चौधरी 52 किग्रा भारवर्ग के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में चीन की यू वू से हार गईं थी और प्रतियोगिता से बाहर हो चुकी हैं। वहीं 2022 की कांस्य पदक विजेता मनीषा मौन 57 किग्रा भारवर्ग के क्वार्टर फाइनल में फ्रांस की अमीना जिदानी से हार गईं। जैसमीन को 60 किग्रा भारवर्ग में कोलंबिया की पाओलो वाल्डेज से हार का सामना करना पड़ा, जबकि नूपुर को 81 किग्रा से अधिक के भारवर्ग में कजाकिस्तान की लज्जत कुंगेबायेवा से 4-3 से हराया। ये सभी मुक्केबाद हार के साथ प्रतियोगिता से बाहर हो चुकी हैं।

 

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