वहीं गांव, कस्बे में रहने वाली महिलाएं उनके मुकाबले पीछे रह जाती है। क्योंकि, गांव में विकास का स्तर कम होने के कारण वह संसाधनों की कमी को झेलती हैं। लेकिन इस बात को हॉकी वाली सरपंच के नाम से मशहूर नीरू यादव ने गलत साबित कर दिखाया है। उनके हौसले की कहानी ये बताती है कि मन से ठाना हुआ लक्ष्य को पूरा करने से आपको कोई नहीं रोक सकता। आइए नीरू यादव के बारे में विस्तार से जान लेते हैं।
कौन है नीरू यादव?
नीरू यादव तीन गावों की सरपंच हैं। वह राजस्थान के झुंझुनू जिले की रहने वाली हैं। अपने गांव के विकास और वहां की जरूरतों को पूरा करने के लिए नीरू यादव केबीसी के 15वें सीजन में नजर आई। शेखावाटी से हॉट सीट पर पहुंचने वाली वे पहली महिला हैं। उन्होंने अमिताभ बच्चन से गांव की लड़कियों और महिलाओं के विषय पर खुलकर बात की।
लड़कियों के लिए हॉकी टीम
सरपंच बनने के बाद नीरू यादव ने लड़कियों को प्राथमिकता पर रखा। उन्होंने लड़कियों के लिए एक हॉकी टीम तैयार की। हैरानी की बात यह है कि, अपनी तन्खा से उन बच्चियों के लिए एक कोच भी रखा। उनकी पूरी ट्रेनिंग पर नजर रखी। उनकी सभी जरूरतों का ख्याल रखा। वह सुबह लड़कियों को ग्राउंड पर ले जाती हैं और उनकी ट्रेनिंग कराती हैं।
गांव को प्लास्टिक मुक्त किया
ये बात यहीं खत्म नहीं होती, नीरू यादव एक बर्तन बैंक भी चलाती हैं। वह लोगों को बर्तन किराए पर देती है। लेकिन उसका पैसा नहीं लेती। सुनने में अजीब है पर सत्य है। वह लोगों को बर्तन इस्तेमाल करने के लिए देती है। ताकि कोई प्लास्टिक के डिस्पोजल का उपयोग न करें। उनका उद्देश्य गांव को ‘कचरा और प्लास्टिक मुक्त’ बनाना है।
किसानों के लिए भी करती हैं काम
आपको जानकर हैरानी होगी कि, नीरु भारत की पहली महिला सरपंच है जो सच्ची सहेली महिला एग्रो के नाम से FPO का संचालन करती हैं। इससे किसानों को खाद बीज या अन्य सामग्री कम दामों में मिलती है। यही नहीं नीरू यादव ने पीएमकेवीवाई योजना के तहत 10 लड़कियों को प्रशिक्षित किया भी किया। इसके बाद भी उन्होंने उन्हें बहुराष्ट्रीय कंपनियों में नौकरी प्राप्त करने में भी सहायता की। शिक्षा के क्षेत्र में भी नीरु यादव के अच्छे कामों के लिए उन्हें राजस्थान सरकार द्वारा शिक्षा पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।