Monday, December 4, 2023

Lata Mangeshkar:लता मंगेशकर के स्वर साम्राज्ञी बनने की कहानी, उपलब्धियों से…

Lata Mangeshkar Awards: स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर को यूं ही स्वर कोकिला नहीं कहा जाता था। उनकी आवाज में वो खनक और अहसास था, जो उन्हें औरों से अलग बनाता था। भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में उनकी गायकी के दिवाने हैं। यहीं कारण है कि लता मंगेशकर का छ: दशकों का कार्यकाल उपलब्धियों से भरा रहा है। आखिर हो भी क्यों ना उनकी अवाज आज भी हमारे जहन में बसी है। लता मंगेशकर संगीतकारों की आइडियल है। खास बात ये है कि, लता मंगेशकर ने अन्य भाषाओं के गानों में भी अपनी आवाज दी हैं। जिन्हें आज भी सुना जाता है। वह भारत की सबसे सम्मानित गायिका में से एक थीं। वह बहुत छोटी थी जब उन्होंने संगीत की दुनिया में कदम रखा था। फिर 13 साल की उम्र में उन्होंने पहली बार गाना भी गाया था। आज भले ही वह हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन हिन्दी सिनेमा में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाता रहेगा। आज (28 सितंबर) लता जी का जन्मदिन है। इस खास दिन पर आइए उनकी करियर में मिली उपलब्धियों के बारे में विस्तार से जान लेते हैं। 

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रॉयल अल्बर्ट हॉल में प्रदर्शन करने वाली पहली भारतीय

1970 में सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक का फिल्मफेयर पुरस्कार फिर 1972 फिल्म परिचय के गीतों के लिए सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी दिया गया। इसके अलावा 1974 में वह रॉयल अल्बर्ट हॉल में प्रदर्शन करने वाली पहली भारतीय बनीं। आपको बता दें, 1974 में लता मंगेशकर ने 1974 में गिनीज रिकॉर्ड में भारतीय संगीत के इतिहास में सबसे अधिक दर्ज की गई कलाकार होने का गौरव प्राप्त किया।

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1977 में ‘जैत रे जैत’ के लिए सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार

लता मंगेश्कर को 1974 में फिल्म कोरा कागजी के गीतों के लिए सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार दिया गया। फिर 1977 में जैत रे जैत के लिए सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका और 1989 में उन्हें दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके बाद 1989 में पद्म विभूषण 1990 में  श्री राजा-लक्ष्मी फाउंडेशन, चेन्नई द्वारा राजा-लक्ष्मी पुरस्कार, 1990 में  फिल्म ‘लेकिन’ के गीतों के लिए सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार।


2007 में अपने सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार

लता मंगेशकर को 2000 में IIFA लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड भी मिल चुका है। साथ ही 2001 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया। इसके अलावा 2001 में महाराष्ट्र रत्न, 2002 में आशा भोंसले पुरस्कार, 2004 में फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा लिविंग लीजेंड अवार्ड, 2004 में फ़िल्मफ़ेयर विशेष पुरस्कार, 2007 में  फ्रांस सरकार ने उन्हें 2007 में अपने सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार (ऑफिसर ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर) से सम्मानित किया।

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डॉटर ऑफ द नेशन अवार्ड

2009 में उन्हें एएनआर राष्ट्रीय पुरस्कार और 2019 भारत सरकार ने सितंबर 2019 में उनके 90वें जन्मदिन पर उन्हें डॉटर ऑफ द नेशन अवार्ड से सम्मानित किया। इसके अलावा भी उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया हैं।


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