Hindi Diwas Female Writer
– फोटो : Amar ujala
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Hindi Diwas 2023: भारत आज अपना राष्ट्रीय हिंदी दिवस मना रहा है। 14 सितंबर को हर साल हिंदी दिवस के तौर पर मनाया जाता है और हिंदी के महत्व व उपयोगिता को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। हिंदी बहुत ही समृद्ध, लोगों को जोड़ने वाली भाषा है। भारतीय साहित्य में हिंदी का विशेष योगदान है। हिंदी साहित्य में लिखी गईं बहुत सारी रचनाएं विश्व प्रसिद्ध हैं। दशकों पहले लिखी गयी हिंदी कविताएं, उपन्यास, गद्य, लघु कथाएं आज भी लोगों को दिल को छू लेती हैं।
वैसे तो इस समृद्ध हिंदी साहित्य पर पुरुषों का दबदबा हमेशा से रहा है लेकिन बहुत सी महिला लेखिकाओं ने भी अपनी जगह यहां बनाई। हिंदी साहित्य में महिलाओं की भूमिका और योगदान को नकारा नहीं जा सकता। मीराबाई हों या अमृता प्रीतम, महादेवी वर्मा हों या सुभद्रा कुमारी चौहान, बहुत ही महिला कवयित्रियों और लेखिकाओं की रचनाएँ लोगों को मुंह जुबानी याद हैं। हिंदी दिवस के मौके पर हिंदी साहित्य में विशेष योगदान देने वाली महिला लेखिकाओं के बारे में जानिए।
अमृता प्रीतम
दिल को छू लेने वाले साहित्य की बात हो तो अमृता प्रीतम का नाम आना जरूरी है। वह एक उपन्यासकार और कवयित्री थीं। उन्होंने हिंदी और पंजाबी दोनों भाषाओं में लेखन कार्य किया। उन्हें पहली पंजाबी महिला कवि भी माना जाता है। विभाजन के दौर की उनकी कहानी पिंजर में महिलाओं की स्थिति को लिखा गया है
शिवानी
हिंदी की प्रसिद्ध उपन्यासकार शिवानी ने बहुत शानदार कृतियां साहित्य का हिस्सा हैं। शिवानी हिंदी साहित्य की वह लेखिका थीं, जिन्हें हिंदी के साथ ही संस्कृत, गुजराती, बंगाली, उर्दू और अंग्रेजी पर अच्छी पकड़ थी। शिवानी की ज्यादातर किताबों में भारत के कुमाऊं की संस्कृति पढ़ने को मिलती है। उनके अधिकतर उपन्यास और कहानियां नारी प्रधान रहीं।
महादेवी वर्मा
हिंदी साहित्य के छायावादी युग की सबसे प्रमुख साहित्यकारों में महादेवी वर्मा का नाम शामिल हैं। वह हिंदी की सर्वाधिक प्रतिभावान कवयित्रियों में से एक हैं। वह खड़ी बोली हिंदी में कोमल शब्दावली का उपयोग करती थीं। महादेवी वर्मा की प्रमुख रचनाएं हैं, आत्मिका, परिक्रमा, संधिनी, यामा, गीतपर्व, दीपगीत, स्मारिका, नीलांबरा।